अम्बालाः भामसं से संबंधित अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं एनएचएम कर्मचारी महासंघ ने शनिवार को नारायणगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सैनी को स्वास्थ्य कर्मचारियों की लंबे समय से अधर में लटकी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रीय वित सचिव दिनेश कौशिक और नीतीश की अध्यक्षता में दिए ज्ञापन में मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग संबंधी सभी वर्गों के कर्मचारियों के हो रहे शोषण, कुछ अधिकारियों की अनदेखी के बारे बताया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारी दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं। 12 अप्रैल 2024 को एनएचएम विभाग द्बारा एनएचएम कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण पालिसी को रद्द करना अधिकारियों की मानसिकता को दर्शाता है, जिससे मौजूदा सरकार की छवि धूमिल की जा रही है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाया और कहा कि किसी की अनदेखी नहीं होगी। सीएम ने कहा कि कर्मचारी विरोधी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। कर्मचारी नेताओं की मुख्य मांगों में मणिपुर राज्य की तर्ज पर प्रदेश में एनएचएम कर्मचारियों की रेगुलराइजेशन पालिसी बनाना, एनएचएम कर्मचारियों के रोके गए 27 प्रतिशत डीए को जारी करना, कर्मचारियों की नौकरी को 58 वर्ष तक सुरक्षित करना, कर्मचारियों को लेकर स्थानांतरण पालिसी के पत्र को दाबारा से जारी करना, स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन, सरकार की रेगुलर पालिसी मे सम्मिलित कर लाभ दिया जाना शामिल है।
इसके अलावा, मांग की कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कार्यरत वर्कर्स को कर्मचारी का दर्जा व समान काम समान वेतन का लाभ दिया जाए। इस मौके पर दिनेश कुमार कौशिक, मेडिकल टेक्निशियन दीपक गर्ग, जिला ठेका प्रधान पंकज कुमार, प्रिया कौशिक, दिव्या, इशांत सिंह यमुनानगर, अंकुश, संजीव कुमार मौजूद रहे।
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