स्पेस में परमाणु हथियार तैनान करने को लेकर रूस और अमेरिका आमने-सामने आ चुके हैं। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पृथ्वी की कक्षा में परमाणु हथियार तैनात न करने का प्रस्ताव रखा तो रूस ने इसपर वीटो लगा दिया। रूस के इस फैसले से अमेरिका झल्ला उठा। यूएस ने रूस के इस कदम की कड़ी आलोचना की।
संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर अमेरिका और रूस आमने सामने आ चुके हैं। पिछले कुछ दिनों पहले एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रूस की ओर से पृथ्वी की कक्षा में परमाणु हथियार तैनात करने की योजना है।
इस दावे को रूस ने पूरी तरह खारिज कर दिया। लेकिन असली कहानी इसके बाद शुरू हुई जब अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पृथ्वी की कक्षा में परमाणु हथियार तैनात न करने का प्रस्ताव रखा। रूस ने इसपर वीटो लगा दिया। रूस के इस फैसले से अमेरिका झल्ला उठा।
अमेरिका ने रूस की मंशा पर उठाए सवाल
यूएस ने रूस के इस कदम की कड़ी आलोचना की। वहीं अमेरिका ने रूस पर सवालों की झड़ी लगा दी। अमेरिका ने कहा कि पृथ्वी की कक्षा में परमाणु हथियार तैनात न करने का रूस का दावा कहीं गलत तो नहीं। क्या रूस कुछ छुपा तो नहीं रहा है क्योंकि अगर रूस अगर पृथ्वी की कक्षा में परमाणु हथियार तैनात न करने की बात कही तो वो अमेरिका के प्रस्ताव पर वीटो क्यों लगा रहा है।
रूस ने दिया अमेरिका को जवाब
संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा है कि अमेरिका रूस पर झूठे आरोप लगा रहा है। रूस जल्द ही अंतरिक्ष को शांतिपूर्ण बनाए रखने के उद्देश्य से अपने स्वयं के मसौदा प्रस्ताव पर परिषद के सदस्यों के साथ बातचीत शुरू करेगा।
वासिली नेबेंजिया ने अमेरिका पर सवाल उठाते हुए कहा, “हम सिर्फ (सामूहिक विनाश के हथियार) ही नहीं, बल्कि बाहरी अंतरिक्ष में किसी भी तरह के हथियारों की तैनाती पर प्रतिबंध चाहते हैं। लेकिन आप ऐसा नहीं चाहते… मैं आपसे वही सवाल पूछता हूं। क्यों?”
चीन ने दिखाई चालाकी
अमेरिका और जापान द्वारा प्रस्ताव किए गए मसौदे पर 13 वोट मिले। हालांकि, चीन इस वोटिंग में शामिल नहीं था। इसके पक्ष में सात, विपक्ष में सात और एक अनुपस्थित वोटिंग पड़ी।
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