कैंसर की जानलेवा  आदतों को काफी हद तक जिम्मेदार माना गया है। जो किशोरियां सॉफ्ट ड्रिंक, मांस आदि ज्यादा खाती हैं और सब्जियां,जूस कम लेती है उनमें माहवारी बंद होने से पहले या फिर माहवारी बंद होने के बाद स्तन कैंसर होने का खतरा ज्यादा हो सकता है।
 आदतों को काफी हद तक जिम्मेदार माना गया है। जो किशोरियां सॉफ्ट ड्रिंक, मांस आदि ज्यादा खाती हैं और सब्जियां,जूस कम लेती है उनमें माहवारी बंद होने से पहले या फिर माहवारी बंद होने के बाद स्तन कैंसर होने का खतरा ज्यादा हो सकता है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलिस में प्रोफेसर कैरीन बी मिशेल्स ने कहा, स्तन कैंसर होने में कई साल लगते हैं इसलिए हम यह जानने के लिए उत्साहित थे कि क्या महिला के जीवन के शुरूआती वर्षों के दौरान का खान-पान स्तन कैंसर के लिए खतरे बढ़ा सकता है? जी हां ,इससे सबंधित हमनें किशोरियों और महिलाओं पर प्रयोग भी करके देखा।
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शोधकतार्ओं ने करीब 45,204 महिलाओं से आंकड़ें एकत्रित किए, जिन्होंने हाई स्कूल में अपने खाने-पीने के बारे में भोजन से जुड़ी आदतों को लेकर एक प्रश्नावली पूरी की थी। जिनमें से 870 महिलाओं को इनके शुरूआती खानपान के कारण माहवारी बंद होने से पहले स्तन कैंसर हो गया और 490 महिलाओं में माहवारी बंद होने के बाद स्तन कैंसर हुआ।
मिशेल्स के अनुसार कम मात्रा में सब्जियां खाने और डाइट सॉफ्ट ड्रिंक पीने, रिफाइंड शर्करा और काबोर्हाइड्रेट, मांस खाने का संबंध सूजन से है। उन्होंने कहा, हमारे नतीजों से पता चला कि किशोरावस्था के दौरान इस तरह के खान-पान से लंबे समय तक स्तनों की त्वचा में सूजन हो सकती है जिससे माहवारी बंद होने से पहले महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। 
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