फतेहाबाद में जिला लोक संपर्क एवं जनपरिवाद समिति की बैठक सोमवार को होने जा रही है। इससे पहले फर्जी तरीके से वाहन एनओसी जारी करने के मामले में शहर पुलिस ने पांच साल बाद मोटर वाहन पंजीकरण प्राधिकारी कार्यालय के तत्कालीन लिपिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
शिकायतकर्ता ने 2019 में इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी स्कॉरपियो गाड़ी की एनओसी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर्मचारियों द्वारा बहादुरगढ़ के किसी व्यक्ति के नाम जारी कर दी। 5 साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और सोमवार को जब यह मामला मीटिंग में मंत्री श्रुति चौधरी के सामने रखा जाना था तो उससे पहले ही प्रशासन हरकत में आया और एफआईआर के निर्देश जारी किए गए।
एसपी को भेजे पत्र में एसडीएम कम मोटर वाहन पंजीकरण प्राधिकारी ने बताया कि किरढान निवासी देवेंद्र ने 26 अगस्त 2019 को शिकायत देकर बताया था कि उसकी स्कारपियो गाड़ी नंबर एचआर 22 एल-2078 की एनओसी कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बहादुरगढ़ के किसी व्यक्ति के नाम जारी कर दी है। 5 वर्षों तक मामले में कार्रवाई न होने पर शिकायतकर्ता ने 27 नवंबर 2024 को हुए जिला स्तरीय समाधान शिविर में उपायुक्त के सामने फिर यह मामला उठाया। जिस पर उपायुक्त ने इस मामले में जांच पड़ताल के आदेश दिए थे।
आज यह मामला जिला लोकसंपर्क एवं जनपरिवाद समिति की मासिक मीटिंग में मंत्री श्रुति चौधरी के समक्ष भी रखा जाना था। एसडीएम ने पत्र में बताया कि मोटर वाहन पंजीकरण शाखा के रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पता चला है कि वाहन संख्या एचआर 22 एल-2078 की एनआअेसी 12 मार्च 2019 को बहादुरगढ़ के अर्जुन चौधरी के नाम जारी की गई है।
यह एनओसी उस समय कार्यालय में कार्यरत रहे पंजीकरण लिपिक ओमप्रकाश सिहाग द्वारा अपने स्तर पर नियमों कके विरुद्ध फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी की गई। पुलिस ने अब तत्कालीन पंजीकरण लिपिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।