अनुराग ठाकुर के बाद कौन बनेगा बीसीसीआई प्रेसिडेंट? इस बात पर चर्चा जारों पर है। इस पद के लिए सबसे पॉपुलर नाम जो सामने आ रहा है वह है सौरव गांगुली का, लेकिन उनके बनने में एक पेंच है। गांगुली का कार्यकाल सिर्फ 7 महीने ही बचा है। सूत्रों की मानें तो, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी और खुद सौरव गांगुली भी इतने कम समय के लिए बोर्ड प्रेसिडेंट बनें, इसकी संभावना कम ही है। अब सवाल उठता है- गांगुली नहीं तो फिर कौन? बंगाल टाइगर के अलावा दूसरे सबसे फेवरेट ऑप्शन हैं पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ। हालांकि, रवि शास्त्री और कपिल देव के नाम की भी चर्चा है। बता दें कि मोहिंदर अमरनाथ को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित संचालन समिति में भी शामिल किया गया है।
गांगुली क्यों नहीं बनना चाहेंगे प्रेसिडेंट?
सौरव गांगुली ने सितंबर, 2015 में जगमोहन डालमिया के निधन के बाद इस पद को संभाला। कैब प्रेसिडेंट के रूप में उन्होंने सराहनीय काम किया है। उनका ये मजबूत पक्ष है। सौरव गांगुली 16 महीने से कैब प्रेसिडेंट हैं। अब उनका कार्यकाल सिर्फ 8 महीने ही बचा है। मान लीजिए सुप्रीम कोर्ट की ओर कमेटी दो या तीन महीने के लिए अंतरिम प्रेसिडेंट चुनती है तब तक उनका कार्यकाल सिर्फ 5-6 महीने ही बचेगा। बहुत कम ही उम्मीद है कि वे इतने कम समय के लिए बीसीसीआई प्रमुख बनने का फैसला लें। बीसीसीआई के नियम के अनुसार, इसके बाद चुनाव करना ही पड़ेगा।
क्यों मोहिंदर अमरनाथ का पक्ष है मजबूत?
1. दिसंबर, 2016 में सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ ने बीसीसीआई से नामों की मांग की थी, क्योंकि उसने संगठन में सुधार के लिए न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जी.के.पिल्लई को तीन सदस्यीय कमेटी का प्रमुख बनाने पर आपत्ति जताई थी। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से एक नाम सुझाया था। वह नाम मोहिंदर अमरनाथ का ही था। ऐसे में संचालन समिति और लोढ़ा कमेटी अमरनाथ का नाम तय करती है तो वे बोर्ड प्रेसिडेंट बन सकते हैं। अगर वे नहीं बनते हैं तो कमेटी इस बारे में बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आजाद से विचारकर फैसला ले सकता है। इससे पहले बीसीसीआई में सुधार के लिए 70 लोगों से विचार मांगे गए थे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट को बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आजाद के ही अधिकतर विचार पसंद आए थे।
2. अगर मोहिंदर अमरनाथ को प्रेसिडेंट बनाया जाता है तो वे कार्यकाल पूरा करेंगे। बता दें कि बीसीसीआई प्रमुख का कार्यकाल 3 साल होता है।
सबसे सफल कप्तानों में शामिल हैं गांगुली
सौरव गांगुली को वो कप्तान माना जाता है, जिसने भारतीय टीम को विदेश में जीतना सिखाया। उनकी कप्तानी में भारत ने 49 मैच खेले और 21 जीते। उनके नाम 113 टेस्ट में 7212 रन और 311 वनडे में 11363 रन हैं। बंगाल टाइगर नाम से फेमस इस खिलाड़ी को टेस्ट और वनडे के अलावा टी-20 का भी काफी अनुभव है। प्रेसिडेंट बनने के बाद वे वो बदलाव कर सकते हैं, जो इंडियन टीम को तीनों फॉर्मेट में ज्यादा-ज्यादा सफलता दिलाए।
अमरनाथ-गांगुली के अलावा ये भी हैं लाइन में
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली और मोहिंदर अमरनाथ के अलावा कर्नाटक बोर्ड के प्रेसिडेंट ब्रिजेश पटेल भी लाइन में हैं। हालांकि, ब्रिजेश पटेल की तुलना में सौरव को अन्य बोर्ड का पूरा सपोर्ट मिल रहा है। यही नहीं, गांगुली को बीसीसीआई विरोधी आदित्य वर्मा, बिशन सिंह बेदी जैसे दिग्गज भी सपोर्ट करेंगे। ऐसे में ब्रिजेश अपने आप ही दौड़ से बाहर हो जाएंगे।
अमरनाथ या सौरव, किसी के भी बनने पर बनेगा रिकॉर्ड
सबसे बड़ी बात ये है कि बोर्ड प्रेसिडेंट सौरव गांगुली या फिर मोहिंदर अमरनाथ में से कोई भी एक बना तो इतिहास बनेगा। 88 साल के इंडियन क्रिकेट इतिहास में पहला फुल पॉवर क्रकेटर प्रेसिडेंट (इंटरनेशनल लेवल पर भारत के लिए खेला हो) बनेगा। इससे पहले सुनील गावसकर बने थे, लेकिन वे अंतरिम अध्यक्ष थे।