कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार हर शक्ति का दुरुपयोग करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि कई प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और उनकी पार्टी भाजपा की कारगुजारी का सीधा संदेश लोगों तक ले जाएगी
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार हर शक्ति का दुरुपयोग करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि कई प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और उनकी पार्टी भाजपा की कारगुजारी का सीधा संदेश लोगों तक ले जाएगी और संविधान की रक्षा के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों से हाथ मिलाएगी।
सोनिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित लेख में सोनिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार भारतीय लोकतंत्र के तीनों स्तंभोंज् विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को नष्ट कर रही है। सोनिया ने विपक्षी एकजुटता की पैरवी करते हुए कहा कि भारत के संविधान और इसके आदर्शों की रक्षा करने के लिए कांग्रेस समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों के साथ मिलकर काम करेगी।
सरकार की रणनीति ने संसद को बाधित किया- सोनिया
सोनिया ने कहा, ‘संसद के बीते सत्र के दौरान हमने देखा कि सरकार की रणनीति ने संसद को बाधित किया। विपक्ष को बेरोजगारी, महंगाई, सामाजिक विभाजन जैसे जनता से जुड़े मुद्दे उठाने से रोका। यही नहीं बजट, अदाणी घोटाले और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं करने दी गई।’ उन्होंने कहा कि चुप्पी साधने से भारत की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने संसद की कार्यवाही से विपक्षी नेताओं के भाषणों के अंश हटाने, संसद सदस्यों पर हमला करने और बहुत तेजी से उन्हें संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराने जैसे कई अप्रत्याशित कदम उठाए। उनका इशारा राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की ओर था।
’45 लाख करोड़ रुपये के बजट को बिना चर्चा के पारित किया’
सोनिया ने ये भी कहा कि 45 लाख करोड़ रुपये के बजट को बिना चर्चा के पारित कर दिया गया तथा वित्त विधेयक को लोकसभा के जरिए पारित कराया गया। उस वक्त प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र में परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे। मोदी सरकार सीबीआइ और अन्य जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है तथा 95 प्रतिशित मामले विपक्षी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। प्रधानमंत्री सत्य और न्याय के बारे में दिखावटी बयान देते हैं, जबकि उनके करीबी उद्योगपतियों के खिलाफ वित्तीय जालसाजी के मामले को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
‘चोकसी जैसे भगोड़ों के खिलाफ इंटरपोल का नोटिस वापस लिया’
उन्होंने कहा कि मेहुल चोकसी जैसे भगोड़ों के खिलाफ इंटरपोल का नोटिस वापस ले लिया जाता है। बिलकिस बानो के दुष्कर्मियों को रिहा कर दिया गया है और वे भाजपा के नेताओं के साथ मंच साझा कर रहे हैं। वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में बेरोजगारी और महंगाई शब्द का इस्तेमाल तक नहीं करतीं जैसे कि यह समस्याएं हैं ही नहीं। भाजपा और आरएसएस के नेताओं द्वारा भड़काई जाने वाली नफरत और हिंसा को प्रधानमंत्री नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने एक बार भी शांति-सद्भाव बनाए रखने या अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान नहीं किया।