सोना दस माह के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा
December 14, 2016
राष्ट्रीय
मांग में लगातार होती कमी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की आशंकाओं के बीच सोने की कीमतें लगातार गोते खाती जा रही हैं। बीते दस महीनों में यह पीली धातु अपनी सबसे कीमत पर पहुंच चुकी है।
दिल्ली के बाजारों में मंगलवार शाम सोने की कीमतें 27535 रुपये प्रति दस ग्राम रहीं। बुधवार को भी सुबह बाजार खुला तो मामूली सुधार के साथ दोपहर बाद तक सोने की कीमत 27593 प्रति दस ग्राम तक ही पहुंच सकी थी।
फरवरी 2016 के बाद यह सोने की न्यूनतम कीमत है और जिसमें अभी और कमी आने की संभावना है। पिछले कुछ समय से लगातार सोने की कीमत 28 हजार के आसपास बनी हुई है।
जानकारों की मानें तो नोटबंदी के बाद घरेलू बाजार में सोने की मांग में भारी कमी आई है खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां सोने की 60 फीसदी तक खपत होती है। नोटबंदी के कारण लोगों की क्रय करने की क्षमता घटी है जिसकी वजह से उनका सोने से भी मोहभंग हो गया है।
लोगों के लिए फिलहाल प्राथमिकताओं में उनकी जरूरी उपयोग की चीजें हैं जिसके लिए जैसे तैसे वह नकदी का इंतजाम कर पा रहे हैं ऐसे में सोने की ओर फिलहाल उनका ध्यान नहीं है।
खास बात ये है कि शादी ब्याह के सीजन में भी लोगों की सोने से बेरुखी बनी हुई है इसलिए पीली धातु के दाम लगातार घटते जा रहे हैं। दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में तो और बुरा हाल है जहां किसान फसल की कीमत न मिल पाने के कारण नकदी के भारी संकट से जूझ रहे हैं।
इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में सोने की खरीददारी लगातार घट रही है। सोने की कीमतों में पिछले कुछ समय में आई कमी की एक बड़ी वजह दुनियाभर के बाजारों को प्रभावित करने वाले अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक की आज होने वाली वो बैठक भी है जिसमें ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है।
जिसकी वजह से दुनियाभर के बाजार सहमे हुए हैं, इसका असर भारतीय बाजारों पर भी दिख रहा है। सोने की कीमत प्रभावित होने की भी यह बड़ी वजह बताया जा रहा है। बैंक के बोर्ड की बैठक में अगर आज ब्याज दरों में वृद्धि का फैसला लिया जाता है तो निश्चित रूप से सोने की कीमतों में और कमी आ सकती है।
ऐसे में अगर आप सोना खरीदने की सोच रहे हैं तो फिलहाल थोड़ा इंतजार करना बेहतर रहेगा। उम्मीद है अगले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में और कमी आ सकती है।
2016-12-14