धार्मिक मान्यता है कि रविवार को सूर्य देव (Surya Dev Puja) की पूजा-अर्चना करने से साधक के रुके हुए काम पूरे होते हैं। साथ ही जातक को मनचाही नौकरी प्राप्त होती है। यदि सूर्य अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति जितना चाहे मेहनत कर ले लेकिन उसको कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होती है। सूर्य देव के शुभ स्थिति होने से जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
रविवार का दिन भगवान सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। साथ ही गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करना चाहिए। इससे जातक को सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। अगर आप जीवन के दुख और संकट को दूर करना चाहते हैं, तो रविवार के दिन पूजा के दौरान सूर्य देव के 108 नाम का जप करें। मान्यता है कि इससे जातक का जीवन खुशहाल होगा। साथ ही सभी रोग से मुक्ति मिलेगी।
।।सूर्य देव 108 नाम।।
ॐ अरुणाय नमः
ॐ शरण्याय नमः
ॐ करुणारससिन्धवे नमः
ॐ असमानबलाय नमः
ॐ आर्तरक्षकाय नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ आदिभूताय नमः
ॐ अखिलागमवेदिने नमः
ॐ अच्युताय नमः
ॐ अखिलज्ञाय नमः
ॐ अनन्ताय नमः
ॐ इनाय नमः
ॐ विश्वरूपाय नमः
ॐ इज्याय नमः
ॐ इन्द्राय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः
ॐ वन्दनीयाय नमः
अगर आप मान-सम्मान में वृद्धि चाहते हैं, तो रविवार के दिन चावल, दूध और गुड़ का दान करें। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से इंसान के मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
ॐ ईशाय नमः
ॐ सुप्रसन्नाय नमः
ॐ सुशीलाय नमः
ॐ सुवर्चसे नमः
ॐ वसुप्रदाय नमः
ॐ वसवे नमः
ॐ वासुदेवाय नमः
ॐ उज्ज्वल नमः
ॐ उग्ररूपाय नमः
ॐ ऊर्ध्वगाय नमः
ॐ विवस्वते नमः
ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः
ॐ हृषीकेशाय नमः
ॐ ऊर्जस्वलाय नमः
ॐ वीराय नमः
ॐ निर्जराय नमः
ॐ जयाय नमः
ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः
ॐ ऋषिवन्द्याय नमः
ॐ रुग्घन्त्रे नमः
ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः
ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः
ॐ नित्यस्तुत्याय नमः
ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः
ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः
ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः
ॐ पुष्कराक्षाय नमः
ॐ लुप्तदन्ताय नमः
ॐ शान्ताय नमः
इसके अलावा हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए रविवार के दिन लाल पुष्प और गेहूं का दान करें। इन चीजों का दान करने से इंसान के तरक्की के मार्ग खुलते हैं और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
ॐ कान्तिदाय नमः
ॐ घनाय नमः
ॐ कनत्कनकभूषाय नमः
ॐ खद्योताय नमः
ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः
ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः
ॐ अपवर्गप्रदाय नमः
ॐ आर्तशरण्याय नमः
ॐ एकाकिने नमः
ॐ भगवते नमः
ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः
ॐ गुणात्मने नमः
ॐ घृणिभृते नमः
ॐ बृहते नमः
ॐ ब्रह्मणे नमः
ॐ ऐश्वर्यदाय नमः
ॐ शर्वाय नमः
ॐ हरिदश्वाय नमः
ॐ शौरये नमः
ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः
ॐ भक्तवश्याय नमः
ॐ ओजस्कराय नमः
ॐ जयिने नमः
ॐ जगदानन्दहेतवे नमः
ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः
ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः
ॐ असुरारये नमः
ॐ कमनीयकराय नमः
ॐ अब्जवल्लभाय नमः
ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः
ॐ अचिन्त्याय नमः
ॐ आत्मरूपिणे नमः
ॐ अच्युताय नमः
ॐ अमरेशाय नमः
ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः
ॐ अहस्कराय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ हरये नमः
ॐ परमात्मने नमः
ॐ तरुणाय नमः
ॐ वरेण्याय नमः
ॐ ग्रहाणांपतये नमः
ॐ भास्कराय नमः
ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः
ॐ सौख्यप्रदाय नमः
ॐ सकलजगतांपतये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ कवये नमः
ॐ नारायणाय नमः
ॐ परेशाय नमः
ॐ तेजोरूपाय नमः
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
ॐ सम्पत्कराय नमः
ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः
ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः
ॐ श्रीमते नमः
ॐ श्रेयसे नमः
ॐ सौख्यदायिने नमः
ॐ दीप्तमूर्तये नमः
ॐ निखिलागमवेद्याय नमः