नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी हमेशा अपने विवादित बयानों के कारण मीडिया में छाए रहते हैं. ताजा मामले में उनके द्वारा लेनिन को आतंकवादी कहने पर देश भर से बयानों का सिलसिला शुरू हो गया है. स्वामी ने कहा कि लेनिन एक आतंकवादी है और ऐसी शख्सियत की मूर्ति किसी भी हाल में भारत में नहीं होनी चाहिए. स्वामी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कम्युनिस्ट पार्टी के लोग लेनिन की मूर्ति अपने पार्टी कार्यालय में लगाएं और उसकी पूजा करें.
बता दें कि त्रिपुरा में भाजपा की जीत के बाद कम्युनिस्ट विचारक लेनिन की मूर्ति ढहाने का मामला गरमाता जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मूर्ति ढहाने और राज्य में भड़की हिंसा के बीच राज्य के राज्यपाल और डीजीपी से बात की और नई सरकार के कामकाज संभालने तक राज्य में शांति सुनिश्चित करने को कहा. वामपंथ के अगुवा माने जाने वाले लेनिन की प्रतिमा को ढहाने के बाद से यहां के 13 जिलों में हिंसा की आग फैल चुकी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह अधिकारियों से जानकारी ली है.
व्लादिमीर लेनिन
रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन ने रूस में साम्यवादी विचारधारा का प्रचार शुरू किया था. इस वजह से उस दौरान लेनिन को कई बार जेल भेजा गया था और निर्वासित भी किया गया. ‘प्रलिटरि’ एवं ‘इस्क्रा’ के संपादन के अतिरिक्त 1898 में उन्होंने बोल्शेविक पार्टी की स्थापना की.
1905 की क्रांति के उनके प्रयास असफल रहे, लेकिन 1917 में उन्होंने रूस के पुननिर्माण योजना बनाई और सफल हुए. उन्होंने केरेन्सकी की सरकार पलट दी और 7 नवम्बर, 1917 को लेनीन की अध्यक्षता में सोवियत रूस में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी. लेनिन की कम्युनिस्ट सिद्धांत और कार्यनीति लेनिनवाद के नाम से जानी जाती है. आज के वामपंथ विचारधारा और कार्यशैली में इनके सिद्धांतों का अहम योगदान है.