सुबह से रात तक लखनऊ में क्या-क्या करता था आईएस का संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह?

यूपी की राजधानी लखनऊ में आईएस के संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह को करीब 12 घंटे लंबी चली मुठभेड़ में देर रात तीन बजे मार गिराया गया. यह मुठभेड़ मंगलवार दोपहर से चल रही थी. मारे गए आतंकी के पास से यूपी एटीएस को कई हथियार, भारी ​मात्रा में विस्फोटक सहित आतंक से जुड़े कई दस्तावेज बरामद हुए हैं.

इन्हीं में से एक डायरी भी मिली है, जिसमें सैफुल्लाह की आम दिनों और रोजे के दौरान पूरी दिनचर्या दर्ज है. पता चला है कि युवाओं को देश के खिलाफ गुमराह करने के लिए सैफुल्लाह खुद को तैयार करने के लिए तरह-तरह के रियाज करता था. उसने रोज तड़के उठने से लेकर रात में सोने तक क्या करना है, इसका पूरा टाइमटेबल तैयार कर रखा था.

एटीएस के आईजी असीम अरुण से मिली जानकारी के अनुसार एटीएस को डायरी के दो पेज हासिल हुए हैं. इसमें एक में उसने आम दिनों के दौरान अपने शेड्यूल को लिख रखा है, वहीं दूसरे में रोज के दौरान शेड्यूल दर्ज है.

आम दिनों में वह रोज सुबह 4 बजे उठता था. इसके बाद तहज्जुद यानी प्रार्थना करता था. इसके बाद फज्र की नमाज पढ़ता था. नमाज पढ़ने के बाद सैफुल्लाह 7.45 तक वॉक करने और कसरत करने में समय बिताता था.

इसके बाद ब्रेकफास्ट करता था, इसी दौरान उसका फरहत हाशमी और अन्य के साथ लेक्चर का भी शेड्यूल दर्ज है. एटीएस इस फरहत हाशमी का पता लगा रही है.

लेक्चर के बाद करीब डेढ़ घंटे तक वह प्रवचन तैयार करने, रटने आदि का काम करता था. यही नहीं इसी दौरान उसे दोपहर का भोजन भी तैयार कर लेना होता था.

12.30 बजे वह नमाज पढ़ता था. उसके बाद भोजन करता. फिर 4 बजे असर की नमाज तक आराम करता. असर की नमाज के बाद सैफुल्लाह कुरान को विस्तार से पढ़ता था. इसके बाद वह अन्य दस्तावेज जो उसके पास उपलब्ध थे, वह उसे पढ़ता था.

शाम छह बजे मगरिब की नमाज पढ़ता था, उसके बाद वह इस्लामी न्याय शास्त्र का अध्ययन करता था. इसी दौरान वह रात के भोजन की तैयारी भी करता रहता. आखिर में ईशा की नमाज अदा करने के बाद वह भोजन करता और सोने चला जाता.

वहीं रमजान के दिनों में उसका शेड्यूल थोड़ा बदल जाता. सुबह की शुरुआत तो तड़के 4 बजे उठने से ही होती और इसके बाद वह तहज्जुद यानी प्रार्थना करता. फिर वह सहरी करता. फौरन बाद फज्र की नमाज अदा करता. इसके बाद थोड़ी देर का ब्रेक लेता. 6.45 बजे वह फरहत हाशमी और अन्य को लेक्चर देता. इसके बाद 8 बजे से 12.30 बजे के बीच वह प्रवचन तैयार करने, रटने आदि का काम करता था. साथ ही आराम भी करता.

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फिर 12.30 बजे नमाज अदा करने के बाद वह वह कुरान का विस्तार से पाठ करता. इसके बाद अपने पास उपलब्ध दस्तावेजों का अध्ययन करता. 3 बजे वह भोजन बनाता. फिर 4 बजे असर की नमाज के बाद इस्लाम में न्याय शास्त्र का अध्ययन करता. शाम सात बजे मगरिब की नमाज के बाद वह रात का भोजन करता.

फिर 8.30 बजे ईशा की नमाज के बाद थोड़ी देर अगले दिन के भाषण और प्लानिंग कर सो जाता था.

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