रेप केस में फंसे भाजपा के सीनियर नेता शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें उसने आदेश दिया था कि शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को इस मामले में तीन महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने को भी कहा था। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ शाहनवाज हुसैन ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था और कहा था कि इससे उनकी छवि खराब होगी।

जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने इस मामले में दिल्ली सरकार समेत सभी पक्षों को नोटिस भी जारी किए हैं और इस मसले पर उनका जवाब मांगा है। फिलहाल अदालत ने इस मामले की सुनवाई सितंबर के तीसरे सप्ताह तक के लिए टाल दी है। इससे पहले 17 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने शाहनवाज हुसैन की ट्रायल कोर्ट के फैसले चुनौती देने वाली अर्जी को खारिज कर दिया था। अदालत ने यह कहते हुए उनकी अर्जी खारिज कर दी थी कि इसका कोई आधार नहीं बनता। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वह इस एफआईआर दर्ज करे और तीन महीने के अंदर जांच की रिपोर्ट सौंपे।
बता दें कि 2018 में दिल्ली की एक महिला ने निचली अदालत में अर्जी दाखिल की थी और शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप का आरोप लगाया हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। महिला की अर्जी पर 7 जुलाई, 2018 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने महिला के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया था, जिसे शाहनवाज हुसैन ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां अर्जी खारिज हो गई थी। इसके बाद वह उच्च न्यायालय पहुंचे थे, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिल पाई थी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की ओर से शाहनवाज हुसैन को अंतरिम राहत मिल गई है। अब सितंबर के तीसरे सप्ताह में होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें हैं।
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