सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को प्रवासी मजदूरों के मसले पर सुनवाई हुई. केंद्र सरकार की ओर से अदालत में अबतक की स्थिति को रखा गया और बताया गया कि 91 लाख मजदूरों को घर पहुंचाया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकील कपिल सिब्बल में तीखी बहस हो गई. SG ने कपिल सिब्बल से पूछा कि आपने इस संकट में क्या मदद की? जिसपर कपिल सिब्बल की ओर से जवाब दिया गया.
जब सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल बोलने के लिए खड़े हुए तो सॉलिसिटर जनरल ने विरोध जताया.
SG: इस जगह को राजनीतिक फोरम ना बनने दें.
कपिल सिब्बल: ये एक मानवीय त्रासदी है.
SG: आपने इस त्रासदी में क्या सहयोग किया?
सिब्बल: चार करोड़. यही मेरा सहयोग है. ऐसी बातें ना करें.
सुप्रीम कोर्ट: आप (कपिल सिब्बल) किसकी ओर से पेश हो रहे हैं?
कपिल सिब्बल: मैं सर्व हर जन आंदोलन, दिल्ली श्रमिक संगठन की ओर से आया हूं. 1991 के आंकड़ों के अनुसार, देश में 3 करोड़ प्रवासी मजदूर हैं. अब ये संख्या बढ़कर 4 करोड़ के आसपास होगा. लेकिन सरकार कह रही है सिर्फ 91 लाख को घर पहुंचाया है, बाकी लोगों का क्या?
SG: इसको लेकर एक राष्ट्रीय प्लान पर काम हो रहा है.
सिब्बल: आपने अपने हलफनामे में किसी राष्ट्रीय या राज्य स्तर के प्लान का जिक्र नहीं किया है. मेरी मांग है कि इससे ज्यादा ट्रेनें चलनी चाहिए. अगर कोई मजदूर रजिस्टर करना चाहे तो कैसे करे, अगर किसी को हिन्दी या दूसरी भाषा बोलनी ना आती हो तो क्या होगा? सिर्फ दाल देने से क्या होगा, वो पकाएंगे कैसे?
गौरतलब है कि प्रवासी मजदूरों को लेकर हुई सुनवाई में सरकार की ओर से अदालत में कहा गया कि अबतक 3700 ट्रेन चलाई गई हैं, जिनमें 91 लाख मजदूर वापस भेजे जा चुके हैं.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को अपने-अपने यहां प्रवासी और पलायन कर रहे लोगों के लिए किए गए इंतजाम पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.