सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (Kingfisher Airlines Ltd) की पैरेंट कंपनी यूनाइटेड ब्रिवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड (United Breweries Holdings Limited, UBHL) को बंद करने के विरुद्ध विजय माल्या (Vijay Mallya) के अनुरोध को खारिज कर दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की कंपनी की आपत्ति सिरे से ठुकरा दी। याचिका में कंपनी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) के किंगफिशर एयरलाइंस का बकाया वसूलने के लिए यूएचबीएल को बंद करने के आदेश को चुनौती दी थी। कंपनी के ऊपर कर्जदाताओं की भारी भरकम देनदारी के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने कंपनी को बंद करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। कंपनी के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने यूबीएचएल की संपत्तियों को बेचकर कर्ज वसूल करने का रास्ता अपनाया है। जस्टिस यूयू ललित, विनीत सरण और एस रविंद्र भट की पीठ ने हाईकोर्ट के छह मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली यूएचबीएल की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। कर्जदाताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि माल्या और यूबीएचएल की कुल देनदारी अभी भी 11,000 करोड़ रुपये बची हुई है। अभी तक की चली प्रक्रिया से कर्जदाताओं को महज 3,600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। रोहतगी ने कहा कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कंपनी की परिसंपत्तियां कुर्क नहीं करना चाहिए क्योंकि ये परिसंपत्तियां बैंक के पास गिरवी हैं। इन परिसंपत्तियों पर पर दावे का पहला अधिकार बैंक का है। वहीं दूसरी ओर यूएचबीएल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि कंपनी की कुल परिसंपत्तियां उसके कुल कर्ज से ज्यादा हैं ऐसे में यह मामला नहीं बनता है कि कंपनी को बंद करने का निर्देश दिया जाए।
वैद्यनाथन ने कहा कि ईडी ने कंपनी की कई परिसंपत्तियों को कुर्क किया है। इस स्थिति में बैंक के पास कोई परिसंपत्ति उपलब्ध नहीं है। बता दें कि भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या विभिन्न बैंकों का कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाने के मामले में वांछित हैं। मौजूदा वक्त में वह लंदन की जेल में बंद हैं। भारत उसे प्रत्यर्पित कराने की कोशिशें कर रहा है। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक माल्या की यूबीएचएल में कुल 52.34 फीसद की हिस्सेदारी है।