एक अप्रैल के वाहनों में लागू होने वाले नियम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कार कंपनियों से अनसॉल्डै बीएस-3 वाहनों की पूरी जानकारी मांगी है। कोर्ट का कहना है कि हमें अपनी अनसॉल्ड इन्वेंटरी की जानकारी दें और दिसंबर 2015 के बाद से मासिक आधार पर बीएस-3 गाड़ियों की मैन्युडफैक्चरिंग का आंकड़ा दें।’
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कोर्ट ने इसके अलावा सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स को आकड़े एक्कठे कर के जमा करने का आदेश दिया है। बजाज ऑटो ने भारत बीएस-3 गाड़ियों की सेल 1 अप्रैल के बाद जारी रखने के लिए याचिका दर्ज की थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस मदन बी. लोकर की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है। आपको बता दे कि केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2014 को ही सभी व्हीकल्स के लिए बीएस-4 मानकों को लागू करने के लिए आदेश दिया था। इस पर कई कार कंपनियों का कहना है कि नोटिफिकेशन स्पष्ट नहीं है। इसमें इस बात का नहीं पता चल रहा कि कंपनियों को बीएस-4 वाली गाड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग करनी या फिर केवल उन्ही को बेचना है।
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गौरतलब है कि 1 अप्रैल 2017 से ऑटो कंपनियों को बीएस-4 एमिशन नॉर्म्सक वाले व्हीशकल्स ही प्रोडक्शन करना है। इससे कंपनियों को अनसॉल्ड बीएस-3 वाली गाड़ियों की चिंता हो रही है। सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सिआम) ने दावा किया है कि 1 अप्रैल 2017 तक 7.5 लाख टू-व्हीलर्स, 75 हजार कमर्शियल व्हीकल्स , 45 हजार थी व्हीकल्स और 20 हजार पैसेंजर व्हीकल्स की पेंडिंग इन्वेंटर में शामिल होने की उम्मीद हैं।
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