अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला सुना सकती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले यूपी कांग्रेस ने खास रणनीति बनाई है. कांग्रेस पार्टी की प्रदेश इकाई ने तय किया है कि कोर्ट के फैसले पर पार्टी नेताओं की प्रतिक्रिया में कोई विरोधाभास नहीं होगा. कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली में यूपी कांग्रेस की सलाहकार समिति की बैठक में इस बाबत नेताओं को निर्देश दिए गए हैं. इसमें कहा गया है कि फैसले के तुरंत बाद नेता बिना सलाह मशविरा किए कोई बयान नहीं देंगे.

इस बारे में सूत्रों ने बताया कि अगर फैसला मंदिर के पक्ष में आता है तो कांग्रेस खुले मन से इसका स्वागत करेगी. सूत्रों के मुताबिक बैठक में तय किया गया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर के पक्ष में आए या मस्जिद के या फिर हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा जाए, पार्टी केंद्रीय स्तर पर एक लिखित राय जारी करेगी और सभी नेताओं को उसी के मुताबिक बयान देना होगा.
दरअसल, पिछले दिनों अनुच्छेद 370 को खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले पर कांग्रेस नेताओं ने अलग-अलग बयान दिए थे. जहां कांग्रेस ने संसद में इसका विरोध किया था और सरकार के फैसले को गैरकानूनी करार दिया था, वहीं कई वरिष्ठ नेताओं ने 370 खत्म करने के पक्ष में बयान दिए थे. जाहिर है कांग्रेस अयोध्या विवाद के फैसले के वक्त ऐसी स्थिति से बचना चाहती है. खास तौर पर उत्तर प्रदेश में क्योंकि माना जाता है कि अयोध्या से जुड़े फैसले का सबसे ज्यादा असर यूपी की राजनीति पर ही पड़ेगा.
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