सुख-समृद्धि का प्रतीक है कलश, जानिए इसके चमत्कारी लाभ

हिंदू संस्कृति में कलश का विशेष महत्व है। कलश के गोल आकार को गर्भ के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, जो प्रचुरता और जीवनदायी ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इसका उपयोग सनातन धर्म के सभी शुभ कार्य में किया जाता है।

कहा जाता है कि कलश के बिना कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। तो चलिए इसके महत्व और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य के बारे में जानते हैं, जो इस प्रकार हैं –

सुख-समृद्धि का प्रतीक
कलश प्रचुरता, समृद्धि और आध्यात्मिक पवित्रता का आधार है। यह आमतौर पर पवित्र गंगा नदी के पानी से भरा होता है, जो अपने जीवनदायी और शुद्ध करने वाले गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। कलश के भीतर मौजूद यह जल उस दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह सभी प्रकार के दुखों को दूर करता है।

हिंदू परंपराओं में जल, दिव्य ऊर्जा और जीवन और सृजन के चल रहे चक्र के बीच पवित्र संबंध को उजागर करता है।

कलश स्थापित करने के लाभ
कलश धार्मिक अनुष्ठानों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसे शादियों, पूजा- पाठ आदि में शुभता के प्रतीक के रूप में स्थापित किया जाता है। इसके साथ ही यह सुरक्षात्मक के रूप में भी कार्य करता है। मान्यताओं के अनुसार, कलश के प्रभाव से सकारात्मक शक्तियों का घर में वास होता है और जीवन से नकारात्मकता समाप्त होती है।

इसके अलावा इसका प्रयोग जीवन में धन, वैभव, सुख- शांति की कमी नहीं होने देता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में भी इसे बेहद शुभ माना गया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com