भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर जारी तनाव पर अमेरिका ने चीन को खरी-खरी सुनाई है। अमेरिका ने ‘हिमालय’ क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) पर भारत-चीन के बीच हुए विवाद और चीन के साथ क्षेत्रीय तनाव का ज़िक्र किया है। भारत और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसा का उल्लेख करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि हाल की घटना जहां दोनों पक्षों के सैनिकों ने एक-दूसरे को पीट-पीटकर मार डाला यह चीनी सरकार के अचानक स्थितियों पर नियंत्रण के बाहर जाने के बाद बदले के रूप में की गई कार्रवाई है।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि अगर आप चीन और भारत के बीच हिमालय के क्षेत्र में होने वाले संघर्ष को देखते हैं, तो ऐसी चीजों को नियंत्रण से बाहर करने से रोकने के लिए अतीत में अलिखित नियमों के अनुसार काम किया जाता रहा है और फिर अब हाल ही में क्या हुआ, इसे देखते हैं तो आप वास्तव में जानेंगे कि वहां एक-दूसरे को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा गया। यदि आप एक चीज को देखते हैं जो ये सब चला रही है, तो ये चीनी सरकार द्वारा अपनी संपूर्ण परिधि में सकल आक्रामकता की ओर अचानक बदल जाता है।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की टोक्यो यात्रा पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विदेश विभाग के एक अधिकारी ने भारत और चीन के बीच पिछले टकराव की तुलना करते हुए कहा कि चीन और भारत के बीच हिमालय में संघर् कुछ ऐसा ही रहा है। इन चीजों को नियंत्रण से बाहर होने से रोकने के लिए अतीत में अनिर्दिष्ट या अलिखित नियमों के अनुसार काम किया गया है। हालांकि, अधिकारी ने कहा, वर्तमान संघर्ष के पीछे चीनी सरकार द्वारा अपनी संपूर्ण परिधि में सकल आक्रामकता की ओर अचानक मोड़ एक मुख्य वजह है।
इस बीच, पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन (China) की सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) का आमना-सामना होने के आसार बने हैं। दोनों नेता 17 नवंबर को होने वाले ब्रिक्स देशों के वार्षिक शिखर सम्मेलन में डिजिटल माध्यम से एक-दूसरे का सामना कर सकते हैं।