सीबीएसई का राहत भरा फैसला, 2017 को माना जाएगा पहला अटेम्प्ट

नई दिल्ली। शुक्रवार को सीबीएसई ने एक ऐसी घोषणा की है, जो हर छात्र के लिए राहत लेकर आई है। सीबीएसई ने घोषणा की है कि AIPMT/NEET की 2017 में होने वाली परीक्षा को पहला अटेम्प्ट माना जाएगा। केन्द्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने इसकी पुष्टि भी की है।

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सीबीएसई का राहत भरा फैसला, 2017 को माना जाएगा पहला अटेम्प्ट  दरअसल, 31 जनवरी को सीबीएसई की तरफ से जारी किए नोटिफिकेशन में कहा गया था कि 2013 को इस परीक्षा का पहला अटेम्प माना जाएगा और इस परीक्षा को तीन बार दे सकने की सीमा तय की गई थी। ऐसे में वो छात्र इस बार इस परीक्षा में नहीं बैठ सकते थे, जो 2013 में परीक्षा दे चुके थे, क्योंकि इस तरह वे अयोग्य साबित हो गए थे। आपको बता दें कि सीबीएसई द्वारा लिए गए इस पुराने फैसले के चलते देशभर में मेडिकल परीक्षा देने वाले छात्रों ने प्रदर्शन किया था। छात्रों की मांग थी कि 2017 को पहला अटेम्प्ट माना जाए, न कि 2013 को।

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साथ ही, छात्रों ने यह भी मांग की थी कि सीबीएसई ने तीन अटेम्प्ट का जो नियम बनाया है, उसे खत्म करे। हालांकि, सीबीएसई तीन अटेम्प्ट के नियम को लागू रखा है, लेकिन अब 2013 को पहला अटेम्प्ट माने जाने के नियम को बदलकर 2017 को पहला अटेम्प्ट मान लिया है। ये भी पढ़ें- बजट सत्र में जेटली ने कहा- नोटबंदी के बाद हुई कार्रवाईयों से बरामद हुए 513 करोड़ रुपए कैश देश में राज्य और केन्द्र सरकार के सभी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन NEET के माध्यम से ही होते हैं। सिर्फ एम्स और पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च में एडमिशन लेने के लिए NEET की परीक्षा देना अनिवार्य नहीं है। मौजूदा समय में एम्स में इसकी 750 सीटें हैं, जबकि जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च में 200 सीटें हैं।

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