परीक्षा पेपर लीक के विरोध में एसएससी मुख्यालय पर पिछले सात दिनों से धरने पर बैठे छात्र सीजीएल टीयर-2 पेपर की सीबीआई जांच के आदेश गृहमंत्री द्वारा जारी किए जाने के बावजूद आंदोलन वापस लेने के लिए तैयार नहीं हैं। छात्रों ने अब सुप्रीम कोर्ट के नेतृत्व में एसएससी की सभी परीक्षाओं की सीबीआई जांच की मांग की है।
छात्रों का आरोप है कि उनकी मांगों को तोड़-मरोड़ कर माना जा रहा है, जबकि उनकी पहली मांग है कि 17 से 22 फरवरी तक हुई सीजीएल परीक्षाओं के अलावा एसएससी सीपीओ, सीएचएसएल और एमटीएस की परीक्षाओं की भी सीबीआई जांच करवाई जाए। छात्रों की मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी गई है। वहीं छात्रों ने अधिकारियों पर उन्हें धमकाने का भी आरोप लगाया है।
सोमवार को आंदोलन के सातवें दिन एसएससी मुख्यालय पर छात्रों ने एसएससी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि एसएससी प्रशासन ने 17 से 22 फरवरी तक हुई सीजीएल की टीयर-2 की परीक्षा की सीबीआई जांच के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से सिफारिश की है, लेकिन अभी तक उन्हें सीबीआई जांच के आदेश से संबंधित कोई लिखित दस्तावेज मुहैया नहीं कराया गया है।
छात्रों का आरोप है कि एसएससी ने छात्रों की पहली मांग को ही आंशिक रूप से माना है, जबकि उनकी मांग है कि सीजीएल टीयर-2 की 17 से 22 फरवरी तक हुई परीक्षाओं समेत अन्य परीक्षाओं एसएससी सीपीओ, सीएचएसएल और एमटीएस की भी सीबीआई जांच करवाई जाए।
गृहमंत्री ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
आंदोलन कर रहे छात्रों से मिलने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश देने का बयान दिया है और साथ ही छात्रों से घर वापस लौटने की अपील की है। वहीं छात्रों का कहना है कि गृहमंत्री ने बेशक सीजीएल पेपर की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई लिखित दस्तावेज नहीं दिया गया है।
छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों को लिखित रूप में स्वीकृति नहीं दी जाती, तब तक वे आंदोलन को जारी रखेंगे।
सीबीआई जांच प्रक्रिया शुरू : जितेंद्र सिंह
छात्रों के आंदोलन के चलते एसएससी द्वारा 17 से 22 फरवरी तक हुई सीजीएल टीयर-2 परीक्षा की सीबीआई जांच संबंधी सिफारिश के बारे में कार्मिक राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि मामले की जांच सीबीआई से करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें समय लगेगा।
राष्ट्रव्यापी हुआ दिल्ली से शुरू हुआ आंदोलन
कथित एसएससी घोटाले को लेकर दिल्ली के लोधी रोड से शुरू हुआ आंदोलन अब राष्ट्रव्यापी हो गया है। छात्र नितिन ने बताया कि अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए छात्र राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, इलाहाबाद, हिसार, पटना समेत 20 से ज्यादा जगहों पर छात्रों ने नारेबाजी की और चार सूत्रीय मांगों को संपूर्ण रूप से स्वीकृति मिलने की मांग की।
जेएनएल मेट्रो स्टेशन का एक गेट खुला
छात्र आंदोलन के सातवें दिन जवाहर लाल नेहरू मेट्रो स्टेशन का गेट नंबर-4 खोल दिया गया। हालांकि गेट नंबर चार से लोगों को काफी घूमकर अपने गंतव्यों तक पहुंचना पड़ा। मेट्रो स्टेशन के अन्य गेट बंद होने के कारण मेट्रो के आम यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इससे पहले आंदोलन के चलते मेट्रो स्टेशन के सभी गेट को प्रशासन द्वारा बंद रखा गया। डीएमआरसी ने पब्लिक नोटिस जारी कर जेएलएन मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 4 से यात्रियों के प्रवेश और निकास की जानकारी दी है।
कहां से शुरू हुआ आंदोलन और कहां पहुंचा
1.
21 फरवरी को सीजीएल टीयर-2 की परीक्षा देकर परीक्षा केंद्रों से बाहर निकले छात्रों ने सोशल मीडिया पर उस प्रश्नपत्र को पाया जिसे वह हल करके आए थे। पेपर लीक होने की खबर मिलते ही छात्रों में रोष पैदा हो गया और उन्होंने सोशल मीडिया से लीक हुए पेपर के साक्ष्य जुटाकर मामले की शिकायत एसएससी प्रशासन से की।
2.
एसएससी प्रशासन द्वारा पेपर लीक की शिकायत को सिरे से खारिज कर देने के बाद छात्रों ने मामले की तह तक जाने के लिए एकजुटता दिखाई और 27 फरवरी को एसएससी मुख्यालय के बाहर मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर आंदोलन की नींव रखी।
3.
आंदोलन के दूसरे दिन छात्रों ने अपनी आवाज एसएससी के बजाय सीधे तौर पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग तक पहुंचाने के लिए हजारों की संख्या में डीओपीटी के लिए मार्च निकाला। इसके बाद छात्रों के इस आंदोलन पर पुलिस और प्रशासन का ध्यान आकर्षित हुआ। हालांकि इस मार्च को बीच में पुलिस द्वारा रोक दिया गया।
4.
छात्रों के पेपर लीक के आरोप को एसएससी द्वारा गलत बताए जाने पर अन्य राज्यों के छात्र भी दिल्ली पहुंचने लगे और आंदोलन में छात्रों की तादाद बढ़ती चली गई, जिसे संभालने के लिए पुलिस बलों ने एसएससी मुख्यालय के सामने स्थित रोड की बेरिकेटिंग करके छात्रों को नजरबंद कर दिया गया और मूलभूत सुविधाओं पर भी रोक लगा दी गई।
5.
आंदोलन के चौथे दिन होली के मौके पर भी छात्र वहां से नहीं हिले, और आंदोलन के दौरान 10 छात्र बेहोश हो गए, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इसके बाद छात्रों का आंदोलन और भड़क गया।
छठे दिन आंदोलन की आवाज गृहमंत्रालय तक पहुंची
6.
आंदोलन में छात्रों की हालत खराब होने और मूलभूत सुविधाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण मीडिया में दिखाई गई हकीकत के बाद नेताओं ने छात्रों की सुध लेनी शुरू कर दी। इसके साथ ही छात्रों को अखिल भारतीय परिषद और महिला आयोग का भी साथ मिला।
7.
छठे दिन आंदोलन की आवाज गृहमंत्रालय तक पहुंची और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने छात्रों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की और साथ ही एसएससी अध्यक्ष असीम खुराना को तलब किया। इसके बाद छात्रों के प्रतिनिधि मंडल ने बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, एबीवीपी के सामने एसएससी अध्यक्ष को चार सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिसके बाद एसएससी ने छात्रों को पहले 21 फरवरी को हुई सीजीएल परीक्षा की सीबीआई जांच की सिफारिश डीओपीटी से करने का पत्र सौंपा।
8.
एसएससी द्वारा एक पेपर की सीबीआई जांच के बात कहे जाने पर भी छात्रों ने आंदोलन खत्म नहीं किया तो एसएससी से दूसरा पत्र छात्रों को भेजा गया, जिसमें 17 फरवरी से 22 फरवरी तक हुई सीजीएल की सभी परीक्षाओं की जांच सीबीआई से करवाने और छात्रों द्वारा जुटाए गए पेपर लीक संबंधी साक्ष्यों को सीबीआई जांच के लिए सौंपने की बात कही गई।
9.
इसके बाद छात्रों ने आरोप लगाया कि पत्र में सिर्फ 17 से 22 तक हुई परीक्षाओं की डीओपीटी से सिफारिश करने की बात कही गई है, उन्हें सिफारिश नहीं कार्रवाई चाहिए।
10.
छात्रों ने आरोप लगाया कि एसएससी को सौंप गए ज्ञापन में उन्होंने चार मांगे रखी हैं जिनमें उन्होंने पहली मांग 17 से 22 फरवरी तक हुए सीजीएल टीयर-2 की सभी परीक्षाओं समेत एसएससी की अन्य परीक्षाओं की भी सीबीआई जांच करवाने की मांग की। दूसरी मांग में उन्होंने परीक्षा करवाने वाले वेंडर्स को तत्काल बदला जाए, ताकि पेपर लीक की संभावना समाप्त हो सके । तीसरी मांग एसएससी परीक्षाओं के सदर्भ में पांच छात्रों की कमेटी बनाकर आयोग उसे मान्यता दे, ताकि परीक्षा में नए सुधारों के बारे में कमेटी आयोग को छात्र भी अपने सुझाव दे सके, चौथी मांग छात्रों की शिकायतों का तुरंत जवाब दिया जाए और ताकि सिस्टम को पारदर्शी बनाया जा सके और सिस्टम को भ्रष्टाचार मुक्त किया जा सके।
11.
सभी मांगें नहीं मानी जाने की स्थिति में छात्रों का प्रदर्शन जारी है और छात्र अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की नींव रख चुके हैं।