सीएम योगी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बोला हमला, कही यह बात

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिए बिना एक बार फिर उन्हें ‘ जिन्ना का अनुयायी’ बताकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि जिन्ना के अनुयाइयों को प्रदेश की जनता सबक सिखाने को तैयार है।

गुरुवार को जेवर स्थित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई आधारशिला के कार्यक्रम में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यहां के किसानों ने कभी गन्ने की मिठास बढ़ाने का काम किया था, लेकिन कुछ लोगों ने गन्ने की मिठास को कड़वाहट में बदल दिया था। ये वही लोग थे जो आज जिन्ना के अनुयायी बने हुए हैं, जिन्हें यहां की जनता सबक सिखाने को तैयार है। 

गुरुवार को जेवर स्थित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई आधारशिला के कार्यक्रम में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यहां के किसानों ने कभी गन्ने की मिठास बढ़ाने का काम किया था, लेकिन कुछ लोगों ने गन्ने की मिठास को कड़वाहट में बदल दिया था। ये वही लोग थे जो आज जिन्ना के अनुयायी बने हुए हैं, जिन्हें यहां की जनता सबक सिखाने को तैयार है। 

इंटरनेशनल फ्लाइट तक यूपी के इन जिलों की पहुंच होगी आसान

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को नई उड़ान देगा। इससे एनसीआर, पश्चिमी यूपी के जिलों मेरठ, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, आगरा, शामली, हापुड़ के लोगों को विदेशों में जाने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रुख नहीं करना पड़ेगा। फिलहाल इन जिलों से हवाई उड़ान के लिए लोगों को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) का रुख करना पड़ता है। इसमें काफी समय खर्च होता है। इन जिलों से दिल्ली तक पहुंचने में करीब दो से तीन घंटे का समय लगता है। मेरठ के खेल उद्यमी, सर्राफा कारोबारी, हैंडलूम व्यापारी, बुलंदशहर के पॉटरी कारोबारी, मुजफ्फरनगर के गुड़ मंडी के लोगों को भी देश-विदेश के लिए सीधी उड़ान नहीं मिल पाती है। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से वेस्ट यूपी के एक दर्जन से अधिक जिलों को सीधा लाभ होगा। विकास की रफ्तार तेज होगी। मेरठ में आईटी सेक्टर, खेल और ज्वेलरी उद्योग को चार चांद लग जाएंगे। 

30 हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च 

जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में करीब 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां एक साथ करीब 175 विमान खड़े हो सकेंगे। निर्माण कार्य चार चरणों में होगा। पहले चरण का कार्य पूर्ण होने के बाद पहली उड़ान सितंबर 2024 में शुरू करने का लक्ष्य है। इससे दिल्ली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक लोड भी काफी कम हो जाएगा। उड्‌डयन मंत्रालय के मुताबिक रोजाना करीब 35 हजार यात्री दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की ओर शिफ्ट हो जाएंगे। दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर की दूरी करीब 70 किमी है, जबकि हिंडन से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी करीब 65 किमी है। वहीं मेरठ, बुलन्दशहर से यह 50 किमी. के दायरे में आ जाएगा।

रैपिड रेल, एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटी

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी यमुना एक्सप्रेस-वे, बुलंदशहर-जेवर हाईवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ ही रैपिड रेल से भी होगी। जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। हालांकि पहले चरण में इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा। पहले चरण में दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे। बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे। एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकते हैं। 

रोजगार की असीम संभावनाएं

इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास करीब 100 अन्य इंडस्ट्री, मेडिकल इंस्टीट्यूट, होटल-शॉपिंग मॉल, कन्वेंशन सेंटर बनाने की भी योजना है। इससे करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि अन्य कारोबारी सहित किसानों के भी दिन बहुरेंगे। करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

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