औरंगाबाद.मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की छोटी महानगर पालिकाओं में महापौर सीधे जनता से चुने जाने का संकेत दिया है। उन्होंने देशभर की महानगर पालिकाओं के लिए कॉमन एजेंडा तैयार करने पर जोर देते हुए कहा कि महानगर पालिकाएं अगर योजनाबद्ध तरीके से और राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ काम करें तो शहर की तस्वीर बदल सकती है। क्योंकि बजट का विकास योजनाओं के साथ तालमेल नहीं होता। ऐसे में शहर का विकास संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने शनिवार को दो दिवसीय अखिल भारतीय महापौर परिषद के उद्घाटन समारोह में कहा कि राज्य में कई महानगर पालिकाओं के चुनाव हो चुके हैं। ‘क’ और ‘ड’ वर्ग की कुछ मनपा में चुनाव बाकी हैं। इनमें सीधे जनता से महापौर के चुनाव पर विचार किया जाएगा। वह महापौर के अधिकारों में बढ़ोतरी के पक्षधर हैं, लेकिन वह यह कहने से भी नहीं चूके कि मौजूदा ढांचे में महापौर के पास काफी अधिकार हैं, केवल इन्हें समझने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि महापौर परिषद जो भी प्रस्ताव पास करेगी, वह उसे मंजूरी देने की पूरी कोशिश करेंगे। उद्घाटन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे के अलावा देशभर से आए करीब 32 महापौर मौजूद थे। महापौर बापू घड़ामोड़े ने महापौर को प्रशासकीय व वित्तीय अधिकार प्रदान किए जाने पर जोर दिया। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा मंजूर 100 करोड़ की निधि के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
विकास नियोजन पर जोर
फडणवीस ने कहा कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण को चुनौती नहीं बल्कि अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। शहर के विकास के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति तथा नियोजन की आवश्यकता है। अगर आप के पास अच्छा प्लान है तो केवल विकास ही नहीं बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने शहरों की तस्वीर बदलने के लिए डेवलपमेंट प्लान को शत-प्रतिशत अमल में लाने पर जोर दिया। कहा कि डेवलपमेंट प्लान के अनुसार जगह आरक्षित होती है, लेकिन उसे लावारिस छोड़ दिए जाने से लोग अतिक्रमण कर बैठते हैं। जबकि आरक्षित जगह के हिसाब से विकास करने की जरूरत है।
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जमीन सबसे बड़ी पूंजी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनपा के पास सबसे बड़ी पूंजी जमीन होती है। मनपा चाहे तो इससे बिना किसी मदद के शहर का चेहरा-मोहरा बदल सकती है। मुख्यमंत्री ने मनपा परिक्षेत्र में प्रॉपर्टी के असेसमेंट पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी महानगर पालिका का प्रशासकीय खर्च टैक्स से ही निकलता है।
शहर की तस्वीर बदलने के लिए मनपा के पुराने ढांचे में रिफॉर्म की भी जरूरत है। उन्होंने मनपा के विभिन्न कार्यों के लिए निजीकरण से पुख्ता नियोजन करने पर जोर दिया। कहा कि कई कंपनियां आतीं हैं और लूट कर चली जाती हैं, इसके पीछे एकमात्र कारण नियोजन का अभाव होता है।