बिहार में राजनीतिक सरगर्मियां एक बार फिर तेज हो गयीं हैं. सीएम नीतीश कुमार इन दिनों जन जीवन हरियाली यात्रा कर रहें हैं. तेजस्वी यादव ने इसे चुनावी साल में खजाना लूटने के लिए एक नया काला अध्याय बताया है. दूसरी तरफ पूर्व सीएम जीतन राम मांझी एनपीआर और एनआरसी पर सरकार को घेरने की तैयारी में है.

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि जल जीवन हरियाली के नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी साल में बिहार का खजाना लूटने का एक नया काला अध्याय शुरू किया है. उन्होंने कहा है कि जल जीवन हरियाली योजना का कुल बजट 24500 करोड़ का है. तथाकथित योजना के पीछे नीतीश जी की यह योजना है कि कैसे चुनावी साल में यह पूरा का पूरा बजट जेडीयू और बीजेपी के कार्यकर्ताओं व नेताओं के जेबों में भरा जाए. इस योजना में सरकार की सक्रियता जनता के धन को अपने भ्रष्ट मन के अनुसार बंदरबांट करने में है.
तेजस्वी ने कहा है कि इस योजना की ऑडिटिंग होनी चाहिए. उनका आरोप है कि जल जीवन हरियाली नामक लूट योजना के तहत जेडीयू और बीजेपी के कार्यकर्ताओं को तालाब, पोखर बनवाने या नर्सरी खोलने के लिए 30 लाख से 40 लाख तक दिया जा रहा है. बालिका गृहों की तरह इस योजना का ऑडिट या निष्पक्ष जांच तटस्थ या गैर सरकारी स्वायत्त संस्था से करवाई जाए. जहां किसी प्रकार के हितों का टकराव ना हो, वहां इस महा लूटखसोट की सारी कलई खुल जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि आधे से अधिक तालाब, नर्सरी इत्यादि के दर्शन सिर्फ सरकारी कागज पर ही होंगे. साथ ही बाकी के तलाब जो वास्तविकता के धरातल पर होंगे वह या तो सरकारी जमीन पर या बिना अनुमति किसी और की निजी संपत्ति पर अतिक्रमण करके बन गए होंगे. अभी से ही इस घोटाले के लक्षण सम्बंधित लोगों में साफ-साफ दिखने लग गए हैं. गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार इन दिनों जन जीवन हरियाली यात्रा पर हैं. इसी कार्यक्रम के तहत वे राज्य के अलग-अलग जिलों में इस योजना से जुड़े कार्यों को जमीनी स्तर से देख रहे हैं.
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