महाराष्ट्र के मुख्यंमत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाला प्रतिनिधिंडल कल यानी मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेगा. राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सोमवार को बताया कि पीएम मोदी के साथ मुलाकात के दौरान मराठा आरक्षण, ओबीसी आरक्षण और चक्रवाती तूफान से राहत को लेकर चर्चा की जाएगी.
इससे पहले, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार अन्य समुदायों को मिल रहे आरक्षण में छेड़छाड़ किए बिना मराठाओं को आरक्षण देने के ‘‘हरसंभव प्रयास’’ कर रही है. पवार की यह टिप्पणियां तब आयी है, जब दो दिन पहले उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिलीप भोसले की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की कि महाराष्ट्र सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करे.
पवार 1674 में शिवाजी महाराज के ‘‘छत्रपति’’ के रूप में राज्याभिषेक की वर्षगांठ पर ‘‘शिव स्वराज्य दिन’’ के इतर पुणे जिला परिषद कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. महाराष्ट्र सरकार ने राज्याभिषेक दिवस को स्थानीय निकायों, स्कूलों, कॉलेजों और मकानों की छत पर ‘गुड़ी’ लगाकर ‘‘शिव स्वराज्य दिन’’ के रूप में मनाने का फैसला किया है.
अजित पवार ने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, जिसे उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया है.’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एमसी गायकवाड आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे, जो मराठा आरक्षण पर आधारित थी, लेकिन कुछ लोग अब भी जन भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.
पवार पूर्व पार्षद नरेंद्र पाटिल के बयान पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. पाटिल ने कहा था कि उनके जैसा एक ‘‘सच्चा मराठा’’ चुप नहीं बैठेगा और अगर जरूरत पड़ी तो वह अपने शरीर में बम लगाएंगे और आरक्षण के लिए इसमें विस्फोट कर देंगे. उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस मौके पर मैं लोगों खासतौर से मराठा समुदाय के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एमवीए सरकार यह सुनिश्चित करने के प्रयास कर रही है कि मराठाओं को अन्य समुदायों के आरक्षण को छेड़े बिना आरक्षण मिल जाए.’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के बयान के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ राकांपा नेता ने कहा, ‘‘इस प्रकरण को 14 महीने बीत चुके हैं और अब हम आगे बढ़ रहे हैं.’’ फडणवीस ने कहा था कि अजित पवार के साथ सरकार बनाना एक गलती थी.