सिद्धू का लाखों का बिजली बिल बकाया, पत्नी कौर ने सभी सवालों का दिया जवाब

कुछ समय पहले बिजली संकट पर पूर्व मंत्री नवजोत सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सलाह दी थी। इसके बाद खुलासा हुआ था कि उनका अपना लाखों का बिजली बिल पेंडिंग है। ऐसे में शनिवार को उनकी पत्नी और पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू मैदान में उतरीं और सभी सवालों का जवाब दिया। नवजोत कौर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर अपने अपने पति पर लग रहे आरोपों के बारे में सफाई दी। 

‘हम इज्जत से कमाई रोटी खाते हैं’

नवजोत कौर ने बताया कि हमने हद से ज्यादा बिल आने के कारण पावरकॉम में जांच के लिए अपील डाली थी। जांच के बाद जो बिल बनेगा, उसे भरा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा- उनके पति नवजोत सिंह इज्जत से कमाई रोटी खाते हैं और तनख्वाह से ही गुजारा करते हैं। सिद्धू हमेशा बिल अपनी जेब से ही भरते हैं, उनकी तरह सरकार के खाते में नहीं डाला जाता है। यहां तक कि बीमारी का इलाज व कहीं घूमने जाना हो, उसका खर्च भी अपनी जेब से करते हैं।

‘बादल तो इलाज भी सरकारी खर्च पर कराते हैं’

नवजोत कौर ने आरोप लगाया कि सुखबीर सिंह बादल व अन्य ने अपने इलाज और यहां तक कि प्राइवेट प्रोग्राम भी सरकारी खर्चे पर ही किए हैं, इसलिए वह उनके बिजली बिल की फिक्र छोडकर अपनी तरफ झांकें। नवजोत कौर ने बताया कि कोरोना काल में जरूरतमंदों को राशन आदि सिद्धू परिवार की ओर से जेब से पैसे खर्च करके दिया गया। साथ ही शहीद ऊधम सिंह के पैतृक घर का बिजली बिल भरा गया और अमृतसर को डेढ़ करोड़ रुपये भी अपनी तरफ से ही दिए गए।

सिद्धू का बिजली बिल 8 लाख से ऊपर

बता दें कि पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) की वेबसाइट के अनुसार, अमृतसर स्थित सिद्धू के घर का बिजली बिल 8,67,540 हो गया है जो अब तक जमा नहीं किया गया है और बिल जमा करने की आखिरी तारीख दो जुलाई है। बार बार प्रयास के बावजूद ​सिद्धू इस पर टिप्पणी के लिये उपलब नहीं हो सके।

क्या कहा था सिद्धू ने?

पंजाब में बिजली की किल्लत के बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान किए गए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को रद्द करने के लिए नया कानून लाने का शुक्रवार को आग्रह किया। सिद्धू ने कहा कि अगर राज्य सही दिशा में काम करता है, तो पंजाब में बिजली कटौती या कार्यालय के समय को विनियमित करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

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