इससे पाकिस्तान में बहने वाली सतलुज नदी सूखने लगी है। हुसैनीवाला हेड से करीब 4600 से दस हजार क्यूसेक पानी लीक होता था। इस पानी से पंजाब क्षेत्र में खेती होती थी।
सिंधु जल संधि रद्द होने के बाद से परेशानी में घिरे पाकिस्तान की मुसीबत और बढ़ गई है। पंजाब के सिंचाई विभाग ने हरिके पत्तन व हुसैनीवाला हेड के गेट बदल कर पाकिस्तान की तरफ जाने वाले पानी को पूरी तरह रोक दिया गया है। इससे पाकिस्तान में बहने वाली सतलुज नदी सूखने लगी है। हुसैनीवाला हेड से करीब 4600 से दस हजार क्यूसेक पानी लीक होता था। इस पानी से पंजाब क्षेत्र में खेती होती थी।
फिरोजपुर के हुसैनीवाला हेड से सतलुज नदी पाकिस्तान में प्रवेश करती है। रोके गए पानी को भारत के पंजाब की नहरों में पानी की कमी पूरी की जा रही है। इससे किसानों को ट्यूबवेल कम चलाने पड़ रहे हैं और नहरी पानी से सिंचाई की जा रही है। अब धान की रोपाई शुरू हो चुकी है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हरिके पत्तन व हुसैनीवाला हेड पर लगे कई गेट खराब होने के चलते सतलुज का पानी लीक होकर पाकिस्तान की तरफ बह जाता था। अब उन्होंने गेटों को बदल कर इस लीकेज को बिल्कुल रोक दिया है। अब पाकिस्तान की तरफ बिल्कुल पानी नहीं जा रहा है।
कई जगह से पाकिस्तान में प्रवेश करती है सतलुज
हरिके पत्तन व हुसैनीवाला हेड से निकल कर सतलुज नदी पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में प्रवेश करती है। उसके बाद यह भारत के गांव मुठियां वाली में प्रवेश कर फिर पाक में प्रवेश कर जाती है। फिर पाकिस्तान के गांव भिखीविंड व गट्टी कलंजर से भारत के गांव कालू वाला व टेंडी वाला में प्रवेश करती है।
इसके बाद सतलुज हुसैनीवाला हेड से निकल कर पाकिस्तान में प्रवेश करती है। इससे पाकिस्तान के पूरे पंजाब के गांवों में खेती होती थी। जब से लीकेज बंद हुई है, पाकिस्तान की तरफ बह रही सतलुज नदी सूखने लगी है। पाकिस्तान ने फाजिल्का के पास सुलेमान हेड बनाया हुआ है। यहीं से पाकिस्तान के पंजाब के कई क्षेत्रों में पानी की सप्लाई की जाती है।
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