दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल के मंच के पास एक दलित युवक की निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने शनिवार को आरोपी निहंग सिख सरबजीत को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। सोनीपत पुलिस ने उसकी 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन 7 दिन की ही रिमांड मंजूर की। इस जघन्य हत्याकांड के आरोपी निहंग सरबजीत ने शुक्रवार शाम को खुद ही सोनीपत पुलिस के सामने सरेंडर किया था।
हाथ काटकर शव बैरिकेड पर लटकाया
जानकारी के अनुसार, किसानों के कुंडली स्थित प्रदर्शन स्थल के नजदीक शुक्रवार को एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और उसका एक हाथ काटकर शव बैरिकेड से लटका दिया गया था। मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरण तारण जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था और पेशे से मजदूर था। उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास है। इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। सोनीपत पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया है।
हत्या के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा था। वीडियो में निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक को सिखों की पवित्र किताब की बेअदबी के लिए सजा दी गई है। वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि निहंग उस व्यक्ति से पूछ रहे हैं कि वह कहां से आया है। व्यक्ति को मरने से पहले पंजाबी में कुछ कहते हुए और निहंगों से माफ करने की गुहार लगाते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में दिखाई देता है कि निहंग लगातार उससे पूछ रहे हैं कि बेअदबी करने के लिए किसने उसे भेजा था। उनमें से एक व्यक्ति यह कहते सुनाई दे रहा है कि व्यक्ति ‘पंजाबी’ है न कि बाहरी और इस मुद्दे को हिंदू-सिख का रंग नहीं दिया जाना चाहिए, जबकि अन्य धार्मिक नारे लगा रहे हैं। बता दें कि निहंग सिख संप्रदाय के हैं और अपने नीले परिधान के लिए जाने जाते हैं और अकसर तलावर लिए होते हैं
संयुक्त किसान मोर्चा ने हत्या से झाड़ा पल्ला
वहीं, तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार शाम एक बयान जारी कहा कि वह स्पष्ट करना चाहता है कि घटना में शामिल दोनों पक्षों, निहंगों के समूह और मृतक का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। एसकेएम ने कहा कि किसानों का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रदर्शन किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करता है। एसकेएम ने कहा कि वह किसी भी धर्म के ग्रंथ या प्रतीक के अपमान के खिलाफ है, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। किसान मोर्चा ने कहा कि मौके पर मौजूद निहंग समूह ने घटना की जिम्मेदारी ली है और कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि मृतक ने सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी
एसकेएम ने मांग की कि हत्या और बेअदबी के पीछे की साजिश की जांच के बाद दोषियों को कानून के तहत सजा दी जानी चाहिए। संगठन ने कहा कि हमेशा की तरह संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानूनी कार्रवाई में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में केंद्र द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा के तीन बिंदुओ- टिकरी, सिंघू और गाजीपुर- पर गत 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।