सावन के महीने में सोमवार की तरह मंगलवार का भी बहुत महत्व है। इस दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा बहुत ही फलदायी मानी गई है। इस साल सावन में चार मंगलवार होंगे। मंगलवार को गौरी पूजन होने के कारण इसे मंगला गौरी व्रत कहते है। सुहागनों के लिए व्रत बहुत ही शुभ माना गया है। यह व्रत विवाह के बाद पांच वर्ष तक प्रत्येक स्त्री को करना चाहिए।शास्त्रों में इस व्रत के नियम बताते हुए कहा गया है कि, विवाह के बाद पहले श्रावण मास में पीहर में रहकर तथा अन्य चार वर्षों मे पति गृह यह व्रत किया जाता है।
सावन में चार मंगलवार जानें खास बातें
आचार्य कृष्ण दत्त शर्मा
मंगल गौरी की पूजा में सोलह प्रकार के फूल, सोलह वृक्षों के पत्ते, सोलह दूर्वा, सोलह पत्ते धतूरे के, सोलह प्रकार के अनाज, सोलह पानपत्ते सुपारी, इलायची सहित चढ़ाएं। थोड़ा सा जीरा व धनिया भी चढ़ाएं। क्षमा प्रार्थना तथा प्रणाम करके विशेष अर्ध्य प्रदान करना चाहिए। परिवार की सबसे वृद्ध महिला जो सुहागन हो उनके चरण स्पर्श कर सोलह लड्डुओं का बायना दें।