लद्दाख के बाद ड्रैगन अब लिपुपास में भी माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है। चीनी सैनिक पिछले कुछ दिनों से भारत की ओर झंडे लहराकर सीमा पर बने भारत के टिन शेडों को हटाने की चेतावनी दे रहे हैं। चीनी सैनिकों की ऐसी हरकतों को देखते हुए सुरक्षा बलों ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।
पिथौरागढ़ जिले के लिपुपास में भारत और चीन की सीमाओं का विभाजन होता है। लिपुपास से कैलाश यात्रा और भारत चीन व्यापार का संचालन होता है। पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले यात्री और व्यापारी लिपुपास से ही चीन में प्रवेश करते हैं।
पिछले वर्ष तक जून में कैलाश यात्रा शुरू होते ही भारतीय सुरक्षा बल यात्रियों और व्यापारियों को लिपुपास तक पहुंचाते थे, जहां से चीनी सैनिक सामान आदि की जांच पड़ताल के बाद यात्रियों और व्यापारियों को तकलाकोट की ओर से जाने की अनुमति देते थे।
इस बार कोरोना के कारण कैलाश यात्रा शुरू नहीं हो पाई। लेकिन चीन के सैनिकों ने इस बार सीमा पर उकसाने वाली हरकतें शुरू कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से चीनी सैनिक भारत की ओर झंडे लहरा रहे हैं।
झंडों पर चीनी भाषा में भारतीय सीमा पर लगभग 200 मीटर भीतर सैनिकों और यात्रियों के विश्राम के लिए बनाए गए हट्स को हटाने की चेतावनी लिखी गई है।
चीनी सैनिकों के हाथों में जो बैनर है, उनमें इस स्थान को विवादित बताया गया है। सूत्रों के अनुसार चीनी सैनिक ऐसा लगभग तीन बार कर चुके हैं।बताया जा रहा है कि सीमा पर गश्त बढ़ा दी है और जवानों को कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं में जारी तनातनी के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने इस इलाके में चीनी सैनिकों की हरकतों की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है। इसमें इस बात का भी जिक्र है कि कैसे इतनी बड़ी तादाद में चीनी सैनिक लद्दाख पहुंचे और वहां निर्माण हुआ।
सरकार को यह रिपोर्ट भारत और चीन के बीच छह जून को प्रस्तावित लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों की बातचीत से ठीक पहले सौंपी गई है। इसमेें बताया गया है कि चीन किस तेजी से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सैन्य बुनियादी ढांचा खड़ा कर रहा है।
इसमें दौलत बेग ओल्डी, पैंगोंग झील में चीनी सेना की हरकतों और बड़ी तैनाती के बारे में भी जानकारी दी गई है। गौरतलब है कि पांच मई को एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक भिड़ंत के बाद चीन ने अपने सैनिकों की संख्या 5,000 तक बढ़ा दी है। चीन सेना की तैनाती बढ़ने के बाद भारत ने भी अपने सैनिकों की संख्या उसके बराबर बढ़ा दी है।