दिल्ली सरकार की 1.4 लाख CCTVलगाने की महत्वाकांक्षी योजना लटक गई है। अभी इसमें और भी देर लग सकती है। PWD ने पिछले साल नवंबर में 350 करोड़ के इस प्रॉजेक्ट के लिए टेंडर्स जारी किए थे पर समस्या यह है कि अभी तक केवल दो कंपनियों ने ही बोली लगाई है और इसमें से भी एक ही वैध पाई गई है। गौरतलब है कि यह केजरीवाल सरकार के ड्रीम प्रॉजेक्ट्स में से एक है। चुनाव से पहले उन्होंने इसका वादा भी किया था पर केवल एक बोली मिलने से प्रॉजेक्ट को झटका लगा है।
गौरतलब है कि सरकार ने इस प्रॉजेक्ट के लिए शुरुआत में 130 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। बाद में, इसे बढ़ाकर 350 करोड़ कर दिया गया। फैसला किया गया है कि हर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2000 कैमरे स्थापित किए जाएंगे।
योग्यता की शर्त को हल्का करते हुए अब तय किया गया है कि कोई भी कंपनी इसके लिए बोली लगा सकती है अगर उसने ऐसा ही कोई प्रॉजेक्ट पूरा किया हो और उस पर खर्च मौजूदा लागत का 20% होना चाहिए। अगर कंपनियों ने दो प्रॉजेक्ट्स किए हैं तो हर एक पर खर्च मौजूदा प्रॉजेक्ट का 15% होना चाहिए। जबकि तीन प्रॉजेक्ट्स होने पर यह आंकड़ा 10% हो सकता है।