एससी-एसटी एक्ट को लेकर आज सवर्णों का भारत बंद है। इसका असर बिहार में भी व्यापक रूप से देखा जा रहा है। कहीं आगजनी, कहीं हंगामा तो कहीं नारेबाजी जारी है। प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोक दीं, पुलिस पर हमला किया तो वहीं पटना में भाजपा कार्यालय के बाहर भी तोड़फोड़ की गई।
इसपर जहां राजनीतिक पार्टियां खुलकर भी बोलने से बच रही हैं तो बंद समर्थकों ने बिहार में भाजपा-जदयू कार्यालय के बाहर नारेबाजी की और अपना विरोध जताया। आरजेडी ने भारत बंद को दलित विरोधी बताया है, तो वहीं जेडीयू ने कहा कि इस तरह से संविधान का विरोध सही नहीं है। तो वहीं, भाजपा नेताओं ने कहा कि बंद की जानकारी नहीं है।
राजद ने सवर्णों के विरोध को बताया गलत
राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने सवर्णों के भारत बंद पर कहा कि जो एससी-एसटी एक्ट के विरोध में होगा, समझिए वो लोग दलित विरोधी हैं और वे सामाजिक न्याय के भी विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि जो पहले वाला एक्ट था, आरजेडी उसका समर्थक रहा है।
जदयू नेताओं ने कहा-दलितों के आरक्षण का विरोध न्यायसंगत नहीं
सवर्णों के भारत बंद पर जदयू नेता अशोक चौधरी ने कहा कि सवर्णों को उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार आरक्षण मिलना चाहिए। जिन्हें आरक्षण मिल रहा है सवर्ण उसका विरोध नहीं करें। उन्होंने कहा कि दलितों या सवर्णो के भारत बंद और हंगामा से देश का विकास रुकेगा।