सर्दियों आने वाली हैं, ऐसे में आंखों को न लगे वायरस की नजर, कुछ बातों का रखें खास ध्यान

समूचे विश्व को कोविड-19 ने गिरफ्त में ले रखा है। इसके कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इससे बचने के लिए लोगों ने घरों में लंबा समय बिताया और आज भी सिर्फ जरूरतों के लिए ही घर से बाहर निकलते हैं। इस महामारी के दौरान जहां शुरू में सिर्फ जीवन बचाने पर पूरा ध्यान केंद्रित था, वहीं अब लगभग यह तय हो गया है कि बचाव करते हुए इसके साथ जीने की आदत भी डालनी है। जानें क्‍या कहते है कानपुर के आई सर्जन डॉ दिलप्रीत सिंह।

हालांकि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है, लेकिन सरकारी गाइड लाइनों का पालन करते हुए चिकित्सा सेवाएं बहाल हैं और हर तरह के उपचार व सर्जरी शुरू हैं। बारिश के साथ ही सर्दियों की शुरुआत होने को है, ऐसे में आंखों से जुड़ी वायरस जनित बीमारियां बढ़ जाती हैं। इन दिनों कंजंक्टीवाइटिस व एलर्जी के मामले अधिक बढ़ रहे हैं। इसकी वजह मौसम में हो रहा बदलाव है।

लंबे समय से स्क्रीन के सामने रहने से आंखों में खुजली, जलन और दर्द की समस्या पैदा कर रहा है। घर में रहकर देर तक टीवी देखने, मोबाइल चलाने और इसी में रमे रहने की वजह से आंखों में सूखापन की समस्या के मामले पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अगर कोई बड़ी बीमारी नहीं है तो अस्पताल जाने की बजाय वीडियोकॉलिंग या फोन से चिकित्सकीय परामर्श लें। यदि सर्जरी की जरूरत है तो भी घबराएं नहीं।

इससे समझौता न करें

  • संक्रमण से बचने के लिए चिकित्साकर्मी जो निर्देश दें, उनका ईमानदारी से पालन करें और उनका सहयोग भी करें
  • जहां शारीरिक दूरी, थर्मल स्क्रीनिंग, हैंड सैनिटाइजेशन आदि उपायों का पालन न हो रहा हो, वहां उपचार लेने से बचें
  • जहां भी उपचार के लिए जाएं, वहां इस बात का विशेष ध्यान दें कि संबंधित चिकित्सालय सरकार द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों को अपना रहा है कि नहीं

कोरोना आंखों पर पड़ रहा भारी: लगातार घर में रहकर ऑफिस का काम करने या पढ़ने के कारण आंखों में होने वाली परेशानी, जैसे खुजली, सूखापन, आंखों से पानी आना, आंखों का लाल होना, सिरदर्द आदि की समस्याओं में पांच से दस फीसद का इजाफा हुआ है। इस समस्या से सबसे ज्यादा बीस से तीस वर्ष के लोग और वे बच्चे जो मोबाइल या लैपटॉप से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इसका प्रमुख कारण बढ़ा हुआ स्क्रीन टाइम है।

आमतौर पर ऑफिस में कंप्यूटर पर सात-आठ घंटे काम किया जाता है, लेकिन इस दौरान, टी या लंच ब्रेक के लिए कुछ समय तो आंखों को आराम देते ही थे, लेकिन इधर घर में रहकर काम करने का शेड्यूल सुनिश्चित नहीं रहा। इन समस्याओं से बचने के लिए अपने काम के तौर-तरीके बदलना होंगे। खासकर स्क्रीन पर काम करने वाले लोग थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ मिनट के लिए काम को रोक दें और एक-दो घंटे के अंतराल में आंखों को ठंडे पानी से धुलें।

 

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