सरकार ने देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से अपील की है कि वह अपने एकाउंट होल्डर्स के मिनिमम बैलेंस पर जुर्माना ना लगाए. सरकार ने एसबीआई से 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे अपने इस फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है. एसबीआई यह प्रॉविजन पांच साल बाद फिर से लागू कर रहा है. बता दें कि इस फैसले से बैंक के करीब 31 करोड़ सेविंग एकाउंट होल्डर्स पर सीधा असर होगा.
ये है एसबीआई का फैसला
एसबीआई 1 अप्रैल से अपने एकाउंट होल्डर्स के लिए सेविंग एकाउंट में ज्यादा पैसे रखना अनिवार्य करने जा रहा है. बैंक मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर 20 से 100 रुपए तक जुर्माना लगा लगाने की घोषणा की है. करंट एकाउंट के मामले में मामले में यह जुर्माना 500 रुपए तक होगा. यही नहीं छह महानगरों में एसबीआई में मिनिमम बैलेंस की लिमिट 5,000 रुपए होगी. इसके अलावा एसबीआई ने अपनी कई ब्रांचेस और एटीएम से कैश विड्रॉल की लिमिट पर भी रोक लगाई है, और एक लिमिट के बाद इन पर फीस वसूलने की घोषणा की है.
दूसरे बैंकों से भी सरकार की अपील
सूत्रों के मुताबिक एसबीआई से कहा गया है कि वह एक सीमा से ज्यादा पर कैश ट्रांजेक्शन और एटीएम से विड्रॉल पर लगाए जाने वाले जुर्माना पर दोबारा सोचे. इसके अलावा सरकार ने एसबीआई और प्राइवेट सेक्टर के दूसरे बैंकों से भी यही अपील की है.
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