नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन पर काफी तेजी से काम चल रहा है. देश में बुलेट ट्रेन का सपना पूरा होने में भले ही अभी काफी वक्त है, पर इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट से जुड़ी बातें लोगों को अभी से रोमांचित करने के लिए काफी हैं. मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली यह बुलेट ट्रेन समुद्र के नीचे से भी गुजरेगी और इसके लिए काम जोरशोर से चल रहा है.
भारत और जापान के विशेषज्ञों ने सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया है. मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर के 7 किलोमीटर लंबे समुद्र के नीचे के मार्ग की ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है. इसके तहत फिलहाल समुद्र के नीचे की मिट्टी और चट्टानों का परीक्षण किया जा रहा है. पीएम मोदी ने चुनावी वादे पर अमल करते हुए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जापान के साथ समझौता किया है. परियोजना के पूरा होने पर अहमदाबाद से मुंबई की यात्रा बहुत कम समय में पूरी की जा सकेगा. फिलहाल इसमें छह-सात घंटे लगते हैं.
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने समुद्र के अंदर सुरंग बनाने का काम आने वाले पांच वर्षों में पूरा करने की जानकारी दी है. ‘एएनआई’ से बात करते हुए खरे ने कहा, मिशन के तहत सुरंग बनाने के काम को 15 अगस्त, 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल हमलोग जापानी विशेषज्ञों के साथ मिल कर समुद्र का अध्ययन कर रहे हैं.
दो प्रमुख महानगरों को जोड़ने वाली इस हाई स्पीड ट्रेन परियोजना के पूरा होने के बाद ठाणे के नजदीक देश में पहली बार यात्रियों को समुद्र के नीचे की यात्रा करने का रोमांच महसूस होगा. ट्रेन अधिकतम 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. बुलेट ट्रेन साबरमती से मुंबई तक पहुंचेगी और इसके लिए दोहरी लाइन होंगी. बुलेट ट्रेन का पहला स्टेशन साबरमती है, जिसके बाद यह अहमदाबाद, आणंद/ नादिया, वडोदरा, भरच, सूरत, बिलीमोरा, वापी, वोइसर, विरार और ठाणे स्टेशन होते हुए अंतिम स्टेशन मुंबई पहुंचेगी.