समस्याओं से बचने के लिए ज्योतिष से मांगा उपाय, पहुंच गया जेल

अमीर बनने की चाहत में ज्योतिष के पास कई लोग जाते हैं। लेकिन उनके बताए रास्ते पर चल कर कोई सलाखों के पीछे भी जा सकता। सुनने में अजीब है पर बंगलूरू में ऐसा ही हुआ। सुनहरे भविष्य की चाहत लिए बंगलूरू के दामोदरण ज्योतिष कृष्ण राजू के पास पहुंचे। 
दामोदरण 42 साल के हैं और जीवन में व्यक्तिगत दिक्कतों से काफी परेशान चल रहे थे। साथ ही दामोदरण को अमीर बनने की भी ख्वाहिश थी। जल्द अमीर बनने के लिए वो ज्योतिष कृष्ण राजू के पास गए थे। ज्योतिष ने उनकी परेशानी सुनकर उनको एक उपाय सुझाया।

समस्याओं से बचने के लिए ज्योतिष से मांगा उपाय, पहुंच गया जेलज्योतिष की सलाह
ज्योतिष कृष्ण राजू ने उन्हें इलेक्ट्रॉनिक समान चोरी करने का कथित तौर पर सुझाव दिया और कहा कि ऐसा करने से भविष्य में उनको हर तरह की परेशानी से निजात मिल जाएगी। इतना ही नहीं, सुझाव के साथ कृष्ण राजू ने दामोदरण को कथित तौर पर ये भी बताया कि कहां से और कौन से इलेक्ट्रॉनिक समान चुराना है।

दामोदरण जिस कंपनी में काम करता था वो बड़ी मल्टी नेशनल कंपनी को कम्प्यूटर सप्लाई का काम करती थी। कृष्णराजू ने दामोदरण को कथित तौर पर ये सलाह दी वो अपनी ही कंपनी से कम्प्यूटर मॉनिटर चुरा सकता है। और इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

दामोदरण का भरोसा

दरअसल पिछले कुछ दिनों में ज्योतिष कृष्णराजू ने दामोदरण को निजी जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए जितनी भी सलाह दी थी, उन सबसे से दामोदरण के जीवन में काफी फर्क पड़ा था। और इसलिए दामोदरण का विश्वास ज्योतिष कृष्ण राजू पर बढ़ गया था।

दामोदरण ने ही ज्योतिष कृष्ण राजू को बातों बातों में बताया था कि अगस्त के महीने में उनके ऑफिस में दूसरी मल्टी नेशनल कंपनी में देने के लिए 1000 कम्प्यूटर की खेप आ रही है। इसलिए भी ज्योतिष ने दामोदरण को कथित रूप से ऐसी सलाह दी। बस फिर क्या था, दामोदरण ने कुछ भी सोचे बिना ज्योतिष की बात पर अमल कर लिया।

बेंगलुरु पुलिस
इस काम में उसने अपने साले की भी मदद ली। कम्प्यूटर से भरे ट्रक को बेंगलुरु पहुंचने से पहले ही पकड़ लिया और सारा माल दूसरी ट्रक में भर लिया। दक्षिण बेंगलुरु के डीसीपी एसडी चरणप्पा ने बताया, “चोरी के बाद में ट्रक को दामोदरण ने ज्योतिष के दोस्त के घर पर छिपा दिया। बाद में दोनों ने मिल कर सभी कंप्यूटर बेच दिए। इससे जो पैसे मिले उसमें ज्योतिष कृष्ण राजू ने भी अपना हिस्सा लिया।”

डीसीपी ने कहा, “पूरे मामले का पता तब चला जब कंपनी ने कंप्यूटर मॉनिटर से भरे ट्रक के गायब होने पर उस ट्रक की खोज शुरू की।” पुलिस को दामोदरण के पास से दस लाख रुपए नक़द मिले। साथ ही अलग अलग व्यापारियों को बेचे 671 मॉनिटर भी बरामद किए।

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