सपा से गठबंधन नहीं उप चुनाव में सिर्फ समर्थन किया: मायावती
सपा से गठबंधन नहीं उप चुनाव में सिर्फ समर्थन किया: मायावती

सपा से गठबंधन नहीं उप चुनाव में सिर्फ समर्थन किया: मायावती

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के गठबंधन को आज बसपा मुखिया ने विराम दे दिया है। उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ गोरखपुर तथा फूलपुर उप चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को समर्थन देने की बात कही है। सपा से गठबंधन नहीं उप चुनाव में सिर्फ समर्थन किया: मायावती

बसपा और सपा के बीच दोस्ती की खबर पर मायावती ने विराम लगा दिया है। मायावती ने कहा कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि बहुजन समाज पार्टी का किसी भी राजनीतिक दल से कोई गठबंधन नहीं हुआ है।2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन की बात झूठ और आधारहीन है। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हमने कोई प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता बीजेपी प्रत्याशी को हराने की कोशिश करेंगे।

मायावती ने कहा कि गोरखपुर तथा इलाहाबाद के फूलपुर लोकसभा उप चुनाव में हमारी पार्टी का प्रत्याशी मैदान में नहीं है। इसी कारण हमने वहां पर समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का मन बनाया है। उन्होंने कहा कि बेहतर तो होता कि कांग्रेस भी वहां से अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारती। मायावती ने साफ कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी हर सीट पर अपने प्रत्याशी खड़ा करेगी। पार्टी इसके लिए काफी जोरदार ढंग से अपनी तैयारी कर रही है। 

बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि भाजपा उम्मीदवारों को हराने के लिए ही फूलपुर, गोरखपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को उनकी पार्टी ने समर्थन दिया है। मायावती ने साफ किया है कि फिलहाल 2019 के लिए गठबंधन नहीं है, उन्होंने कहा कि जब चुनाव का वक्त आएगा तो इसपर फैसला होगा। यूपी में हाल ही में राज्य सभा और विधान परिषद में होने वाले चुनाव में भाजपा हराने के लिए अगर समाजवादी पार्टी या फिर बहुजन समाज पार्टी के विधायक एक-दूसरे को वोट ट्रांंसफर करते हैं तो भी यह गठबंधन नहीं कहलाएगा।

यह तो हम भाजपा को हराने के लिए करेंगे। यह कोई कोई चुनावी गठबंधन नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में राज्यसभा या फिर विधान परिषद की किसी सीट के लिए समाजवादी पार्टी या फिर बहुजन समाज पार्टी के विधायक एक-दूसरे को अपने वोट ट्रांसफर करते हैं तो यह कोई चुनावी गठबंधन जैसी बात नहीं है। हम तो भाजपा को रोकने के अपने अभियान में लगे हैं।  इससे पहले खबर आई थी कि पिछले 25 साल से एक-दूसरे को फूटी आंख न सुहाने वाली पार्टियां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच दोस्ती हो गई है। इसके अलावा कहा गया था कि राज्यसभा चुनाव में बीएसपी के विधायक सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट करेंगे।

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