समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान के बीच अब गठबंधन की खबरें तेज हो गईं हैं। सूत्रों के अनुसार सपा और कांग्रेस में गठबंधन लगभग तय हो गया है, सिर्फ औपचारिकता ही बाकी है। खबरों की मानें तो दोनों पार्टियों के बीच सीट का बंटवारा और दूसरे मसले लगभग सुलझ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन हुआ तो डिप्टी सीएम कांग्रेस के राज्य संसद प्रमोद तिवारी हो सकते हैं और 85 सीटों पर हो सहमति हो सकती है। कांग्रेस की मुख्यमंत्री उम्मीदवार शीला दीक्षित भी सपा से गठबंधन के संकेत दे चुकी हैं।
सपा और कांग्रेस में गठबंधन पर सिर्फ अखिलेश से होगी बात
चुनाव में ये गठबंधन दोनों पार्टियों को फायदा पंहुचा रहा है। कांग्रेस मुख्यालय में चुनावी समिति की मीटिंग के दौरान पार्टी के 20 सिटिंग एमएलए के टिकट क्लियर कर देना इसी स्ट्रैटजी का हिस्सा माना जा रहा है। गठबंधन को लेकर ये बात भी सामने आई है कि कांग्रेस अब अखिलेश के अलावा सपा में किसी और से गठबंधन पर बात नहीं करना चाहती है।
प्रमोद तिवारी सपा की मदद से ही राज्यसभा पहुंचे थे। कांग्रेस इस बार यूपी में ब्राह्मण फेस पर दांव लगाना चाहती है और प्रमोद को बड़ा ब्राह्मण चेहरा माना जाता है। रीता बहुगुणा जोशी और प्रमोद तिवारी दोनों में से एक को चेहरा बनाने को लेकर कांग्रेस में मतभेद था। अब रीता बीजेपी में हैं। ऐसे में प्रमोद तिवारी ही पार्टी के पास विकल्प हैं। सूत्रों की मानें तो प्रशांत के गठबंधन पर सहमति न करा पाने के बाद प्रमोद तिवारी ने ही कांग्रेस की तरफ से गठबंधन का मोर्चा संभाला है।
सुलह की कोशिश नाकाम
वहीं, शनिवार को एक बार फिर सुलह की कोशिश में शिवपाल ने अखिलेश से भेंट की। उम्मीद जगी कि कुछ सकारात्मक नतीजा आएगा। एक समय तो लगा कि समझौता हो गया है। मीडिया को संदेश मिला कि मुलायम आपात प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और कोई बडा ऐलान होगा, लेकिन कुछ ही मिनट में बिना कोई वजह बताए प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी गई। सपा सांसद अमर सिंह ने कहा कि वह पिता पुत्र में समझौता चाहते हैं और वह मुख्यमंत्री की राह का रोड़ा नहीं हैं।