सबसे अलग और सबसे संजीदा अभिनय के लिए पहचाने जाने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों अपने एक बयान को लेकर चर्चा का विषय बने हुए है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि आजकल सच बोलना भारी पड़ रहा है.
हाल ही में हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, “थोड़ा सच बोलो ज्यादा नहीं. मैंने किताब लिखी (बायोग्राफी) और सच बोला. पर माफी मांगनी पड़ी. सच बोलना महंगा पड़ रहा है. लोग कहते हैं मैं डाउन टू अर्थ हूं, पर मैं हूं नहीं.” आगे उन्होंने बताया कि, “मंटो (प्रसिद्ध लेखक) ने जो देखी वो लिखा. मैंने मंटो से सच बोलना सीखा. बीच में इतना सच बोल दिया कि बवाल हो गया. अब मंटो को अपने अंदर से निकाल रहा हूं दर्द हो रहा है.”
वही नवाज के साथ फिल्म में काम कर रही अभिनेत्री नंदिता दास ने कहा, “मंटो की वजह से अच्छे लोगों से मिली. फिल्म के जरिए आज के मुद्दे उठाना चाहती हूं. आज भी समाज में औरतों को देखने का नजरिया नहीं बदला है. आज राष्ट्रीयता के मुद्दे को उछाला जा रहा है. पद्मावती की वजह से डर नहीं.” आगे अभिनेत्री का कहना है कि, “मैंने एक फिल्म के लिए सिर मुंडवाया. खूब विवाद हुए. फिल्म आने से पहले बवाल गलत है. जैसा पद्मावती को लेकर किया जा रहा है. अगर हम डरेंगे तो कुछ ना करें मुंह पर पट्टी बांध लें.” इसके अलावा उन्होंने कलाकारों पर हमले और धमकियों पर कहा, ‘विरोध लिखकर या बोलकर ठीक है मारपीट सही नहीं.”
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