लोकसभा में एक सवाल के जवाब के दौरान मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि देशभर के कॉलेजों में संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन साथ ही साथ उन्होंने ये भी बताया कि इस संबंध में कोई डाटा उपलब्ध नहीं है।
साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि, “संस्कृत शिक्षकों के पदों में कोई कमी नहीं की जा रही है। जो छात्र संस्कृत में शिक्षा शास्त्र (बीएड) और शिक्षा आचार्य (एमएड) कर रहे हैं उनके लिए नौकरी की अपार संभावनाएं हैं। सरकारी और प्राइवेट हर तरह के ऑर्गेनाईजेशन में नौकरी के मौके उपलब्ध हैं।”
मंत्री ने बताया कि “पिछले तीन सालों में मेघालय की दो यूनिवर्सिटी, ईआईएलएम यूनिवर्सिटी और सीएमजे यूनिवर्सिटी के खिलाफ बहुत सी शिकायतें आने के बाद उन्हें बंद किया गया है।”