बॉलीवुड अभिनेत्री के कंगना रानौत और शिवसेना नेता संजय राउत के बयानों पर हुआ विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस विवाद में शिवसेना की सहयोगी कांग्रेस भी कूद पड़ी है, पार्टी के नेता संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा है कि कंगना रानौत ने मुंबई पर जो टिप्पणी की, वह हम सबको अमान्य है। उसकी सबने निंदा की। मगर शिवसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेकर कंगना को हरामखोर कहा, यह शिवसेना की नीचता है। उनके नाम पर सरेआम गाली-गलौज करना महाराज का अपमान है। सरकार में बैठे लोगों को इस आचरण की निंदा करनी चाहिए।
दरअसल इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब कंगना रानौत ने एक ट्वीट कर कहा था कि मुंबई पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की तरह क्यों लग रहा है? इस पर उन्होंने संजय राउत के उस बयान को भी टैग किया था जिसमें कहा गया था कि अगर कंगना को मुंबई पुलिस से डर लगता है तो उन्हें मुंबई नहीं आना चाहिये। इस पर अभिनेत्री कंगना ने कहा था कि बॉलीवुड में ड्रग्स माफिया का पर्दाफाश करने के लिए हरियाणा या हिमाचल पुलिस की सुरक्षा चाहिये, उन्हें मुंबई पुलिस सुरक्षा स्वीकार नहीं है।
वहीं हाल ही में दिये एक इंटरव्यू में शिवसेना नेता संजय राउत ने अभिनेत्री कंगना रानौत को हरामखोर लड़की कह दिया था। अब उनके इस बयान के बाद खास विवाद शुरु हो गया। कंगना ने भी इसके जवाब देते हुए ट्वीट कर कहा था कि मूवी माफिया ने मुझे सायको घोषित कर दिया। 2016 में मुझे चुडैल बताया गया और अब 2020 में शिवसेना मंत्री मुझे हरामखोर लड़की का टाइटल दे रहे हैं ये इसलिए न क्योंकि मैंने कहा है कि सुशांत के मर्डर के बाद में मुंबई में खुद को असुरक्ष्रित महसूस कर रही हूं, अब असहिष्णुता पर बहस करने वाले योद्धा कहा चले गये हैं।
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