पर्यवेक्षक समूह प्रमुख ने कहा कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव 2022 के राजनीतिक और आर्थिक संकट के बाद लोकतंत्र को एक नई गति देंगे। यह चुनाव श्रीलंका के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों का पूरा सम्मान करते हुए सुधारों और स्थायी सुधार के अपने रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए जरूरी है। इस बीच एक उप मुख्य पर्यवेक्षक और नौ चुनाव विशेषज्ञों की मुख्य टीम पहले ही कोलंबो पहुंच चुकी है।
श्रीलंका में 21 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। श्रीलंका के की निगरानी के लिए श्रीलंका पहुंच गया है। यूरोपीय संघ और राष्ट्रमंडल देशों के चुनाव पर्यवेक्षकों का एक ग्रुप रविवार को राष्ट्रपति चुनाव की निगरानी के लिए श्रीलंका पहुंच गया है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है।
पर्यवेक्षकों का यह ग्रुप श्रीलंका के चुनाव आयोग के निमंत्रण पर यहां आया है। यूरोपीय संघ ने इससे पहले श्रीलंका में छह बार चुनाव निगरानी की है, जिसमें आखिरी बार 2019 के राष्ट्रपति चुनाव में निगरानी की गई थी।
‘हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है निगरानी मिशन’
इस पर्यवेक्षक समूह के प्रमुख ने एक बयान में कहा, “इस साल श्रीलंका में चुनाव निगरानी मिशन की तैनाती देश में विश्वसनीय, पारदर्शी, समावेशी और शांतिपूर्ण चुनावों का समर्थन करने की हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।”
राष्ट्रपति चुनाव श्रीलंका के लोकतंत्र को नई गति देंगे
पर्यवेक्षक समूह प्रमुख ने आगे कहा, “आगामी राष्ट्रपति चुनाव 2022 के राजनीतिक और आर्थिक संकट के बाद लोकतंत्र को एक नई गति देंगे। यह चुनाव श्रीलंका के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों का पूरा सम्मान करते हुए सुधारों और स्थायी सुधार के अपने रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए जरूरी है।”
कोलंबो पहुंची चुनाव विशेषज्ञों की मुख्य टीम
एक उप मुख्य पर्यवेक्षक और नौ चुनाव विशेषज्ञों की मुख्य टीम पहले ही कोलंबो पहुंच चुकी है। वहीं, 26 दीर्घकालिक पर्यवेक्षक मिशन में शामिल होंगे और चुनाव अभियान पर नज़र रखने के लिए पूरे देश में तैनात किए जाएंगे। इसके बाद, 32 और पर्यवेक्षक चुनावी हफ्ते में मिशन से जुड़ेंगे और पूरे देश में तैनात होंगे।
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