कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि डीएचएफएल मामले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की बौखलाहट बता रही है कि दाल काली है। उन्होंने कहा कि 24 मार्च को डीएचएफएल में पहली बार पैसा जमा किया तब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा थे।
भाजपा लगातार प्रदेश की जनता से झूठ बोल रही है, ताकि उसका भ्रष्टाचार छुप सके। उनके आरोपों को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मनगढंत बताते हुए मानहानि का केस दायर करने की धमकी दी है।
लल्लू ने कहा, अगर ऊर्जा मंत्री इतना ही दूध के धुले हुए हैं, तो बताएं कि डीएचएफएल में निवेश का अनुमोदन कब हुआ और कब हस्ताक्षर किए गए। मार्च 2017 के बाद से दिसंबर 2018 तक किन-किन तारीखों में निवेश किया गया।
अब तक डीएचएफएल से हुए पत्राचार और डीएचएफएल की ओर से बात करने वाले लोगों के नाम सार्वजनिक किए जाएं।
आखिर भाजपा को सबसे ज्यादा व्यक्तिगत चंदा देने वाले वधावन की निजी कंपनी डीएचएफएल को ही नियमों को ताक पर रखते हुए कर्मचारियों की पूंजी क्यों सौंपी गई। ऊर्जा विभाग में हजारों करोड़ रुपये के संदिग्ध सौदे छोटे स्तर के अधिकारी कर लेते हैं और उन्हें इसकी भनक क्यों नहीं लगती।
लल्लू ने कहा कि गरीब जनता की बिजली कुछ सौ रुपये के बकाया पर कटवा देने वाले मंत्री विभाग के खजाने से हजारों करोड़ रुपये देशद्रोहियों दाऊद इब्राहिम और इकबाल मिर्ची से जुड़ी कंपनियों को देते हैं।