राजनीतिक दलों के बीच शिवसेना एक मिजाज के लिए जानी जाती है, लेकिन यह अब बहुत संभलकर बयान दे रही है। उसके ये बयान भाजपा को परेशान कर रहे हैं, तो कांग्रेसी नेताओं को राहत दे रहे हैं। सोमवार को शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू में हिंसा की तुलना 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमले से की।
उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गई, लेकिन उनकी पार्टी को और क्या मिला। काफी कुछ एनसीपी के पास है। जो एनसीपी से बचा वह मलाईदार विभाग कांग्रेस के मंत्रियों के पास है। विभागों के बंटवारे के सवाल पर कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र के एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसे देखना कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं का काम है। सूत्र का मानना है कि महाराष्ट्र सरकार में पवार और एनसीपी की ही काफी चल रही है।
पार्टी नेताओं का मानना है कि शरद पवार महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार के संकट मोचक के तौर पर स्थापित होते जा रहे हैं। वहीं दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के एक वरिष्ठ नेता का मानना है कि सब कुछ ठीक चल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी महाराष्ट्र को लेकर संवेदनशील हैं। वह राज्य में राजनीतिक हालत पर बारीकी से नजर रख रही हैं।
सूत्र का कहना है कि राज्य में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार भाजपा को नहीं पच पा रही है। इसलिए भाजपा का दुष्प्रचार विंग इसे बदनाम करने के लिए सक्रिय हो गया है।