शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में मोटापा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बॉडी-मास इंडेक्स (बीएमआइ) को लेकर वैश्किक ट्रेंड की पड़ताल करने पर यह बात सामने आई है। नेचर नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए अध्ययन के लिए शोधार्थियों ने वर्ष 1985 से 2017 के बीच दुनिया के 200 देशों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 11 करोड़ 20 लाख लोगों की लंबाई और वजन का विश्लेषण किया है। ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन के किसी व्यक्ति की लंबाई और वजन के आधार पर उसके बॉडी मास का पता लगाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त यह स्केल बताता है कि स्वस्थ व्यक्ति की लंबाई और वजन कितनी होना चाहिए।
वैश्विक स्तर वर्ष 1985 से लेकर 2017 तक महिलाओं का औसत बीएमआइ 2 किलोग्राम प्रति वर्गमीटर की दर बढ़ा है। अर्थात् एक वर्गमीटर में रहने वाली महिलाओं का कुल वजन 2 किलोग्राम बढ़ा, जबकि पुरुषों में 2.2 किलोग्राम प्रति वर्गमीटर की दर से वृद्धि हुई है। इसका अर्थ है कि हर व्यक्ति का वजन लगभग पांच से छह किलो बढ़ गया है और विश्व के आधे से ज्यादा ग्राणीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीएमआइ स्तर में काफी बढ़ोतरी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की कम और औसत आय इस वृद्धि के लिए 80 फीसद जिम्मेदार है।
वर्ष 1985 से ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पुरुषों और महिलाओं के बीएमआइ स्तर में 2.1 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर की दर से वृद्धि हो रही है। जबकि शहरों में यह वृद्धि पुरुषों और महिलाओं में क्रमश: 1.3 और 1.6 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर की दर से हो रही है। शोधकर्ताओं के अनुसार, इन आंकड़ों ने बीते तीन दशक में बीएमआइ के भूगोल को बदल कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि 1985 में विश्व के तीन चौथाई देशों में महिलाओं और पुरुषों का बीएमआइ ग्रामीण समकक्षों के मुकाबले ज्यादा था। बाद में कई देशों के ग्रामीण और शहरी लोगों के बीएमआइ के बीच का फासला या तो सिकुड़ गया या पूरी तरह बदल गया।
शिक्षा और स्वास्थ्य की जानकारी का अभाव भी है प्रमुख कारण-
इंपीरियल्स स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ स्कूल के प्रोफेसर मजीद एज्जती ने कहा, ‘आमतौर पर माना जाता है कि शहरों में रहने वाले लोग ग्रामीणों के मुकाबले ज्यादा मोटे होते हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर हुए इस अध्ययन ने इस धारणा को भी पलट कर रख गया है।’ उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि इस वैश्विक स्वास्थ्य समस्या के बारे में सोचने का यह सबसे सही समय है कि इससे कैसे छुटकारा पाया जाए। शोधार्थियों की टीम ने अध्ययन में अच्छी आय वाले देशों के निवासियों का बीएमआइ स्तर वर्ष 1985 से ही सामान्यत: बढ़ा हुआ पाया है। इसमें महिलाओं की अच्छी खासी संख्या है। शहरों से बाहर रहने वाले लोग कम आय और शिक्षा, स्वास्थ्य के अभाव में अच्छा भोजन नहीं ले पाते हैं और न ही वह ठीक से आराम कर पाते हैं। जो मोटापे का एक कारण हो सकता है। ऐसे में जरूरत है कि समय रहते हम अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो जाएं।
मोटापा कम करने के उपाय-
–कम उर्जा वाले वयंजनों का सेवन करें। जैसे भूने चने, मूंग दाल, दलिया आदि का सेवन करें। इनमें फैट कम होता है।
-दो बडे चम्मच मूली के रस शहद में मिलाकर बराबर मात्रा में पानी के साथ पिएं, ऐसा करने से माह के बाद मोटापा कम होने लगेगा।
-हर रोज सुबह-सुबह एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद घोलकर मिला लीजिए। इस घोल को पीने से शरीर से वसा की मात्रा कम होती है।
-सुबह नाश्ते में अंकुरित अनाज लीजिए। मूंग, चना और सोयाबीन को अंकुरित करके खाने से से उनमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा दोगुनी हो जाती है।
-मौसमी हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा मात्रा में करें। मौसमी सब्जियां जैसे – मेथी, पालक, बथुआ, चौलाईसाग हैं। इनमें कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है।
-सोयाबीन का सेवन कीजिए। इसमें ज्यादा मात्रा में प्रोटीन होता है और इसमें पाया जाने वाला आइसोफ्लेवंस नामक प्रोटीन शरीर से चर्बी को कम करता है।
-खाने में गेहूं के आटे की चपाती बंद करके जौ और चने के आटे की चपाती लेना शुरू करें। जौ और चने में कार्बोहाइड्रेट पदार्थ होते हैं जो आसानी से पच जाते हैं।
-अधिक चिकनाईयुक्त दूध, बटर तथा इससे बने पनीर का सेवन बंद कर दें। क्योंकि इनमें वसा ज्यादा मात्रा में होता है जो कि मोटापे का कारण बन सकता है।
-फास्ट फूड, जंक फूड, कचौरी, समोसे, पिज्जा बर्गर न खाएं। कोल्ड ड्रिंक न पिएं, क्योंकि कोल्डा ड्रिंक की 500 मिलीलीटर मात्रा में 20 चम्मच शुगर होती है जिससे मोटापा बढ़ता है।
-नीबूं का रस गुनगुने पानी में निचोड़कर पीयें, इससे भोजन अच्छे से पचता है और शरीर भी हल्का लगता है। शर्दियों में नींबू वाली चाय पिएं तो इससे पेट में गैस नहीं बनती।
-व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए। व्यायाम जैसे – साइकलिंग, जॉगिंग, सीढी़ चढ़ना-उतरना, रस्सी कूदना, टहलना, घूमना इस प्रकार के व्यायाम नियमित रूप से करने से वजन घटाया जा सकता है।