बॉलीवुड में ‘रोमांस का बादशाह’ के तौर पर मशहूर अभिनेता शाहरुख खान ने कहा कि उनकी सबसे रोमांटिक फिल्में ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे’, ‘दिल तो पागल है’ या ‘कुछ कुछ होता है’
उन निर्देशकों द्वारा बनाई गई हैं जिन्होंने खुद रोमांस को जिया है. यश चोपड़ा, आदित्य चोपड़ा और करण जौहर जैसे निर्देशकों का उदाहरण देते हुए शाहरुख ने कहा, “उन्होंने उसे इस नजरिये से देखा
कि एक महिला क्या चाहती है और उन्होंने उसे उन किरदारो में डाला जो मैंने निभाये. मैं अपने फिल्मी किरदारों की तरह प्यार नहीं कर सकता. हालांकि वास्तव में मैं वही शिद्दत अपने भीतर चाहता हूं.” शाहरुख जहां खुद को रोमांटिक इंसान नहीं मानते, वहीं ये भी साफ कर देते हैं कि वह सिर्फ उन निर्देशकों के साथ काम करते हैं जिनके मन में इस शैली के लिए सबसे ज्यादा सम्मान होता है.
भाषा को दिए एक इंटरव्यू में अभिनेता ने कहा कि इम्तियाज अली ने पहले उनसे संपर्क किया था और उस शख्स का किरदार निभाने को कहा जो ‘खुदकुशी करने की कोशिश’ करता है लेकिन उन्होंने फौरन उसे खारिज कर दिया और कहा कि कोई ‘खुशनुमा कहानी’ लेकर आए, जिसके बाद ‘जब हैरी मेट सेजल’ सामने आई.
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उन्होंने कहा, “मैंने इम्तियाज की फिल्म नहीं देखी, ईमानदारी से कहूं, मैंने उन्हें बेहद सौम्य और संवेदनशील पाया. जिन लोगों के साथ मैंने पहले काम किया, यह वही गुण है जो यशजी, आदि और करण में हैं. वे व्यक्तिगत रूप से काफी अलग हैं लेकिन बेहद संवेदनशील भी हैं.”
शाहरुख याद करते हुए कहते हैं कैसे एक लोकप्रिय निर्देशक ने उनसे लवस्टोरी के लिये संपर्क किया, जिसे उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने कहा, “मैं सच में मानता हूं कि निर्देशक में उतनी संवेदनशीलता नहीं थी, वह सिर्फ एक लवस्टोरी करना चाहते थे. आप सिर्फ एक लवस्टोरी करते नहीं हैं, उसे बनाते हैं, महसूस करते हैं, जीते हैं. और मुझे लगता है कि इम्तियाज वैसे हैं. हो सकता है मैं रोमांटिक न हूं, लेकिन मैं बेहद संवेदनशील हूं.”
शाहरुख की अगली फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ 4 अगस्त को रिलीज हो रही है और इस फिल्म में उनके साथ अनुष्का शर्मा भी मुख्य भूमिका में हैं.