एकतरफा प्यार में अंकिता को जिंदा जला डालने वाले शाहरुख और नईम के तार क्या आतंकवादी संगठनों से भी जुड़े हुए थे? झारखंड के दो पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी और रघुबार दास के दावों से ये सवाल उठ रहे हैं। मरांडी का दावा है कि शाहरुख और नईम आतंकवादी संगठन ‘अंसारुल्लाह बांग्ला’ से प्रेरित थे। उन्होंने कहा कि यह आतंकी संगठन गैर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाता है और उनका धर्मांतरण कराता है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रघबुर दास ने कहा है कि इस घटना के पीछे पीएफआई का हाथ है।
बाबूलाल मरांडी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए शाहरुख और उसके दोस्त का आतंकवाद से कनेक्शन होने का दावा किया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ”अंकिता के हत्यारों शाहरुख और उसके दोस्त मोहम्मद नईम आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला से प्रेरित थे, जो बांग्लादेश में ब्लॉगर्स की हत्या के लिए भी जिम्मेदार है।”
वह आगे लिखते हैं कि बांग्लादेशी संगठन पर 2013 में गृहमंत्रालय ने बैन लगाने का विचार किया था, लेकिन आधिकारिक रूप से इसे 25 मई 2015 को बैन किया गया था। अंसारुल्लाह बांग्ला टीम अलकायता का एक अंग है। यह गैर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाता है और उन्हें इस्लाम कबूल कराता है।
एबीपी न्यूज से बातचीत में पूर्व सीएम रघुबर दास ने कहा, ”वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति में झारखंड के दुमका की बेटी अंकिता की नृशंस हत्या है। इससे मानवता और झारखंड शर्मसार है। सिर्फ झारखंड नहीं, बल्कि देशभर की बहन बेटियां दुखी हैं। हमारी सरकार के समय पॉप्युलर फ्रंट इंडिया को बैन किया था। हेमंत सरकार आने के बाद जिहादी ताकतें काफी सक्रिय हुईं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या आप यह कहना चाहते हैं कि इस घटना के पीछे पीएफआई है? रघुबर दास ने कहा, ”निश्चित रूप से, निश्चित रूप से। आपने देखा होगा मुस्लिम क्षेत्रों में संडे की बजाय शुक्रवार को छुट्टी की जा रही, इस सबके पीछे पीएफआई है। पंचायत चुनाव में 42 पीएफआई के लोग चुनाव जीतकर आए हैं। इनकी मंशा संथाल परगना की डेमोग्राफी चेंज करना है। पाखुर से बगल में ही मालदा और मुर्शिदाबाद है, बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुसलमान पहुंच रहे हैं और हमारी भोलीभाली आदिवासी बच्चियों से शादी करके ना सिर्फ अपनी जनसंख्या बढ़ा रहे हैं, बल्कि हजारों एकड़ जमीन, जमीन जिहाद कर रहे हैं।”