शहबाज शरीफ ने UNGA में एक बार फिर दोहराया पुराने रवैया, पढ़े पूरी ख़बर

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। इस दौरान शरीफ ने पाकिस्तान के पुराने रवैये को दोहराते हुए एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है। पाकिस्तान के भीतर की दिक्कतों और परेशानियों को ताक पर रखते हुए शहबाज शरीफ को कश्मीर याद आया है। भारत के अभिन्न अंग कश्मीर का जिक्र करते हुए शहबाज शरीफ ने न्यायसंगत और स्थायी समाधान निकालने की अपील की। 

आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहते हैं। शहबाज शरीफ ने कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत इस संदेश को समझे कि दोनों देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। युद्ध कोई विकल्प नहीं है, केवल शांतिपूर्ण संवाद ही मुद्दों को हल कर सकता है ताकि आने वाले समय में दुनिया और अधिक शांतिपूर्ण हो जाए।

मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत और चर्चा के माध्यम से हल करें

पाकिस्तानी पीएम ने कहा, 1947 के बाद से हमने 3 युद्ध किए हैं और इसके परिणामस्वरूप दोनों तरफ केवल दुख, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है। अब यह हम पर निर्भर है कि हम अपने मतभेदों, अपनी समस्याओं और अपने मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत और चर्चा के माध्यम से हल करें। भारत को रचनात्मक जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए विश्वसनीय कदम उठाने चाहिए। हम पड़ोसी हैं और हमेशा के लिए हैं, चुनाव हमारा है कि हम शांति से रहें या एक-दूसरे से लड़ते रहें।

जम्मू-कश्मीर में सैन्य तैनाती का किया जिक्र

शरीफ ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि नई दिल्ली ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ा दी है। जिसके बाद से यह दुनिया में सबसे अधिक सैन्यीकृत क्षेत्र बन गया है। पाकिस्तानी जनता हमेशा से पूरी एकजुटता के साथ कश्मीरियों के साथ खड़ी रही है और आगे भी समर्थन करती रहेगी। उन्होंने कहा, मैंने विश्व मंच को आश्वासन दिया है कि हम पाकिस्तान में दक्षिण एशिया में शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं। भारत को रचनात्मक जुड़ाव के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।

संबंध के लिए आतंक मुक्त वातावरण चाहता है भारत

बता दें कि भारत पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया से यह बात बार-बार कहते आया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और आगे भी रहेगा। जहां तक पाकिस्तान के संबंध को लेकर है तो नई दिल्ली कई बार यह संदेश दे चुका है कि वह आतंक, शत्रुता, भय से मुक्त वातावरण में पड़ोसी संबंध चाहता है। लेकिन पाकिस्तान है कि वो लगातार अपने यहां आतंकियों को पनाह देता आया है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाे जाने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध पूरी तरह से खत्म हो गए हैं।

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