लखनऊ। जिन्दा रहने के लिए शरीर के जिन ख़ास अंगों का ठीक रहना बहुत ज़रूरी है उनमे से एक महत्वपूर्ण अंग है हमारा लीवर। शराब की लत सबसे पहले हमारे लीवर पर प्रहार करता है। दो साल पहले बरेली की रहने वाली अल्का अग्रवाल दुखी मन से अपने बीमार पति को लेकर संजय गांधी पीजीआइ आयी थीं। उस समय इनके पति शरद की हालत बहुत खराब थी। पेट रोग विशेषज्ञों ने तमाम जांच के बाद बताया कि उनको लिवर सिरोसिस हो गया है और लिवर 80 फीसद तक खराब हो चुका है। जीवन की उम्मीद कम थी, लेकिन डॉक्टरों को प्रयास और शरद ने इच्छाशक्ति से जंग जीत ली।
गेस्ट्रो ओपीडी में फालोअप पर आए अल्का की मुस्कान और शरद के चेहरे की ताजगी इनके विजय गाथा की गवाही दे रही थी। शरद अग्रवाल उन तमाम लोगों के लिए रोल मॉडल हो सकते हैं, जिन्होंने शराब के कारण अपने लिवर को खराब कर लिया। पीजीआइ ओपीडी में शरद की जांच के बाद पेट रोग विशेषज्ञों तेजी से ठीक हो रहे लिवर पर संतोष जताया। कहा कि इसमें हमाराकोई रोल नहीं है।
खुद शरद को लगा कि जिंदगी जीना है तो शराब छोड़ना है। शराब छोड़ने के साल भर के अंदर इनका लिवर मजबूत होने लगा। आज वह बिल्कुल फिट है।1विभाग के पेट रोग विशेषज्ञों ने पेट में पानी (एसाइटिस), पैर में सूजन, एलब्यूमिन की मात्र, पीटी-आइएनआर और बेहोशी के आधार पर दो वर्ष पूर्व जब स्थित का आकलन किया तो चाइल्ड प्यूज स्कोर सी था, यानी लिवर 80 फीसद तक खराब हो चुका था। विशेषज्ञों ने लंबे इलाज के बाद इनके स्थित में सुधार करने के बाद शराब छोड़ने के लिए लंबी काउंसिलिंग की। विशेषज्ञों ने कहा कि यदि शराब छोड़ दें और इलाज कराएं तो लिवर सिरोसिस ठीक हो सकता है।
शराब की लत छोड़ने के लिए लें संकल्प..
शरद ने अपने शराब छोड़ने के संकल्प पर टिके रहे। यही कारण है कि वह बीमारी पर विजय पा सके। विशेषज्ञों ने कहा कि शरद की राह पर चल कर एल्कोहलिक लिवर सिरोसिस से ग्रस्त लोग ठीक हो सकते हैं।
पेट रोग विशेषज्ञों ने कहा कि एल्कोहलिक लिवर सिरोसिस से ग्रस्त मरीजों को शराब छोड़ने की सलाह दी जाती है, लेकिन 30 फीसद इस सलाह पर अमल कर लिवर को बचा पाते हैं।
लिवर सिरोसिस के कुल मामलों में से 60 फीसद कारण एल्कोहल ही होता है। इलाज के साथ शराब छोड़ कर बी ग्रेड के लिवर सिरोसिस के 80 फीसद लोग ठीक हो सकते हैं। सी ग्रेड में थोड़ी सफलता कम मिलती है।