एनसीपी सुप्रीमों और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मद्देनजर उन्होंने इस्तीफा दिया है। शनिवार को एमसीए बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी जिसमें शरद पवार ने लोढ़ा समिति की सिफारिश स्वीकारने को लेकर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया।
संयुक्त सचिव वीपी शेट्टी ने पवार के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा है। अब हम देखेंगे कि इस पर क्या करना है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई में व्यापक बदलावों की सिफारिश की है। इसमें मंत्रियों को पद हासिल करने से रोकना, पदाधिकारियों के लिए उम्र और कार्यकाल की समयसीमा के निर्धारण के साथ ही सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देना भी शामिल है।
संयुक्त सचिव वीपी शेट्टी ने पवार के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा है। अब हम देखेंगे कि इस पर क्या करना है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई में व्यापक बदलावों की सिफारिश की है। इसमें मंत्रियों को पद हासिल करने से रोकना, पदाधिकारियों के लिए उम्र और कार्यकाल की समयसीमा के निर्धारण के साथ ही सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देना भी शामिल है।
बोर्ड का पदाधिकारी मंत्री या सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए और वह कुल नौ साल से अधिक समय तक बोर्ड के किसी पद पर न रहा हो।
अध्यक्ष तीन साल के दो कार्यकाल तक ही रह सकते हैं, लेकिन अन्य पदाधिकारी तीन कार्यकाल तक रह सकते हैं। सभी पदाधिकारियों के लिए प्रत्येक कार्यकाल के बीच अंतर अनिवार्य किया गया है।
अध्यक्ष तीन साल के दो कार्यकाल तक ही रह सकते हैं, लेकिन अन्य पदाधिकारी तीन कार्यकाल तक रह सकते हैं। सभी पदाधिकारियों के लिए प्रत्येक कार्यकाल के बीच अंतर अनिवार्य किया गया है।
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