हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 19 मई 2023, शुक्रवार के दिन शनि जयंती मनाई जाएगी। सनातन धर्म में शनि देव की उपासना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि शनि जयंती के दिन शनि देव की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में भी बताया गया है कि शनि देव जातक को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। ऐसे में शनि जयंती के दिन उनकी उपासना करने से साधक को शनि की कुदृष्टि, ढैय्या और शनि की साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि जयंती के सन्दर्भ में कुछ उपाय भी बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं-
देव को अर्पित करें ये खास चीजें
- शनि जयंती के शुभ अवसर पर शनि देव के साथ-साथ प्रथम देवता गणेश जी की उपासना करें और गणेश जी व शनि देव को शमी का पत्ता अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।Video Player is loading.https://imasdk.googleapis.com/js/core/bridge3.572.0_en.html#goog_286117644Close Player
- शनि देव को नीला रंग बहुत प्रिय है। इसलिए शनि जयंती के दिन नीले रंग का फूल यानी अपराजिता का फूल, शनि देव को जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से सभी दुखों का नाश होता है।
- शनि देव का अभिशेष जल या दूध से नहीं बल्कि सरसों के तेल से किया जाता है। यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है। इसलिए शनि जयंती के दिन शनि देव को सरसों का तेल जरूर अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली में शनि दोष शांत होता है और इसके अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिल जाता है।
- शनि देव को काला रंग सर्वाधिक प्रिय है। इसलिए शनि जयंती के शुभ अवसर पर उन्हें काला तिल अर्पित करें और काले तिल से बना व्यंजन ग्रहण करें। इसके साथ इस दिन काले तिल के दान से भी साधक को विशेष लाभ मिलता है।
शनि जयंती पर इस मंत्र का करें जाप
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
यह मंत्र शनि देव को प्रसन्न करने के लिए बहुत उपयोगी माना गया है, क्योंकि इसमें शनि देव के 10 विशेष नामों का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से शनि देव की कृपा अपने भक्तों पर सदैव बनी रहती है।