अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत की पहली यात्रा से पहले व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने खालिस्तानी समर्थक सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के सदस्यों से मुलाकात की है।
एसएफजे ही रेफरेंडम 2020 अभियान चला रही है। केंद्र सरकार ने एसएफजे को आतंकी संगठन घोषित कर इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा रखा है। इस बैठक के बाद भारत सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन कनाडा से लेकर अमेरिका तक में इस पर बहस छिड़ गई है।
भारत के एक अधिकारी का कहना है कि अमेरिकी प्रशासन को इतने महत्वपूर्ण समय पर बैठक को रद्द करना चाहिए था। यही दोनों के लिए बेहतर था। यह बैठक भारत विरोधी ताकतों को मजबूत कर सकती है।
सिख फॉर जस्टिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान कई स्थानों पर प्रदर्शन किया था। इसे भारत ने पिछले साल जुलाई में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। एसएफजे को अमेरिका, कनाडा और यूके में कुछ कट्टरपंथी सिखों की ओर से चलाया जाता है।